December 21, 2024

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पत्रकार उमेश कुमार ने कर दिया एक ऐसी समस्या का समाधान जो वर्षों से नही कर पाए हुक्मरान

पत्रकार उमेश कुमार ने कर दिया एक ऐसे इलाके की बड़ी समस्या समाधान जहाँ से छोड़कर जा रहे थे लोग अपने मकान।

 

रुड़की | रुड़की की ख़ानपुर विधानसभा के मोहनपुरा स्थित मिलापनगर में वर्षों से गंदे तालाब की समस्या को पत्रकार व समाजसेवी उमेश कुमार ने हल करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।

मिलापनगर क्षेत्र में अब तक इस तालाब में एक व्यक्ति की डूबने स मौत हो गई थी। वहीं मवेशी भी आये दिन इसमें डूबकर मर जाते थे। यही नहीं,  इस कॉलोनी में रहने वाले क़ई लोग तालाब की गंदगी की वजह से गुर्दे व फेफड़ों की बीमारी की वजह से जान गंवा चुके हैं। इस गंदे तालाब के चलते लोग यहाँ से अपने घरों को बेचकर अन्य जगह शिफ्ट होने के लिए मजबूर हैं। वहीं यहाँ कोई अपनी बेटी की शादी भी करना पसंद नही करता।

वहीं सबसे बड़ी बात यह भी है कि पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को स्थानीय जनप्रतिनिधि पलीता लगाने का भी काम कर रहे हैं।

जब वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी उमेश कुमार को जनता की इस विकराल समस्या के बारे में पता चला तो उन्होंने स्वय के खर्चे में इस तालाब की सफाई का जिम्मा लिया।

आज इस गंदे तालाब की सफाई का कार्य भी शुरू हो चुका है। खुद उमेश कुमार ने यहाँ सुबह से ही काम का मोर्चा भी संभाला। दिनभर यहाँ डटे रहे। आपको बता दें कि हजारों की जनसंख्या वाले इस क्षेत्र की इस समस्या को स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सुना तो जरूर पर उसका आजतक निवारण नही किया।

स्थानीय जनता का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान स्थानीय विधायक कुँवर प्रणव ने कहा था कि ये कोई बड़ी समस्या नही है। इस पानी की समस्या को मैं एक घूंट में पी जाऊंगा । विधायक की कथनी और करनी में फर्क जनता समझ चुकी है। आज वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी उमेश कुमार के इस कदम से जनता में एक उम्मीद की किरण दिख रही है। जनता उमेश कुमार को एक उम्मीद के रूप में देखकर उनकी सराहना भी कर रहे हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि उमेश कुमार इस क्षेत्र में लगातार ऐसे काम कर रहे हैं जिनसे स्थानीय जनता वर्षों से परेशान थी। हाल में ख़ानपुर विधानसभा क्षेत्र में दो ऐसे पुलों का निर्माण शुरू हो गया है जिनकी वजह से लोगो की जान चली गई थी।

आपको बता दें कि ये सामाजिक कार्य वर्षों से उमेश कुमार लगातार करते आ रहे हैं। कई अनाथ बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्चा स्वयं वहन करते हैं। वहीं कई असहाय और बीमारों की मदद करते रहते हैं। इसके अलावा कोरोना काल मे भी लगातार मदद करते आये हैं ।