J&K | टारगेट किलिंग दर्शाती है आतंकियों के हताशा के स्तर को: सरकार
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के हाथों हिंदुओं और प्रवासी श्रमिकों की “टारगेटेड किलिंग” पर प्रशासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर एक चैनल से कहा, “टारगेटेड किलिंग आतंकियों के हताशा के स्तर को दर्शाती हैं। हमारा सिस्टम इस पर नजर जमाए हुए हैं। हत्याओं का यह सिलसिला रुकेगा। पिछले साल अक्टूबर में भी ऐसा ही हुआ था। ”
ज्ञात रहे कि कश्मीर घाटी में आतंकियों ने हाल में गैर मुस्लिमों खासकर कश्मीर पंडितों और प्रवासियों को निशाना बनाया है। इस अधिकारी ने कहा, “आतंकियों ने लोगों को निशाना बनाया तो उन्हें मार गिराया जाएगा। किसी को भी हमले में निशाना बनाया जा सकता है।” कश्मीरी पंडितों को उन्हें कश्मीर से बाहर जाने की मांग को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “हम कश्मीरी पंडितों को जम्मू ट्रांसफर नहीं करेंगे। हम किसी भी Ethnic cleansing का हिस्सा नहीं हो सकते। हम बहु सांस्कृतिक समाज में विश्वास रखते हैं।” सरकार के अपने काम को जारी रखने का संकेत देते हुए उन्होंने कहा, “जब भी चुनाव आयोग फैसला करेगा, चुनाव होंगे, एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, यहां-वहां की कुछ हत्याएं हमें रोक नहीं पाएंगी। ”
अधिकारी ने कहा, “इन हमलों के पीछे तालिबान के होने के सबूत नहीं मिले हैं। यह जिहाद नहीं है, यह कुछ आतंकियों की ओर से किया गया है। पाकिस्तान इन सभी हमलों के पीछे है। यह अराजकता की स्थिति पैदा करने का प्रयास है। ” जम्मू-कश्मीर की स्थानीय पार्टियां, जो इन हत्याओं पर सरकार की आलोचना कर रही हैं, के संदर्भ में इस अधिकारी ने कहा, “हम लोगों को एक छोटा ग्रुप नहीं चाहते जो यह धारणा बनाने का प्रयास कर रहे हैं कि केवल वे ही राज्य को चला सकते हैं और पुरानी व्यवस्था में वापस आ सकते हैं। “