पहले ओलंपिक में खिलाड़ियों को कांसे या तांबे का पदक मिला था
नई दिल्ली । पहले ओलंपिक खेलों में पदक विजेताओं को कोई स्वर्ण पदक नहीं मिला था। एथेंस ओलंपिक खेलों में केवल पुरुष प्रतियोगियों ने ही हिस्सा लिया था। यह आधुनिक ओलंपिक में एकमात्र खेल थे जिसका हिस्सा महिला प्रतिभागी नहीं थी। छह से 15 अप्रैल तक हुए इन खेलों में 14 देशों के 241 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स (ट्रैक एवं फील्ड), साइकिलिंग, तैराकी, जिम्नास्टिक, भारोत्तोलन, कुश्ती, तलवारबाजी, निशानेबाज और टेनिस की 43 स्पर्धाओं में भाग लिया था।
पहली बार विजेताओं को पदक दिये गये पर इनमें से कोई स्वर्ण पदक नहीं था। पहले स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को रजत पदक, जैतून की शाखा और डिप्लोमा दिया गया।
वहीं दूसरे स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को कांसे या तांबे का पदक, कल्पवृक्ष की शाखा और डिप्लोमा दिया गया जबकि तीसरे नंबर पर आने वाले खिलाड़ियों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
पदक के एक तरफ ग्रीक देवता जीउस और दूसरे तरफ प्राचीन ग्रीक शहर एक्रोपोलिस की तस्वीर थी। अमेरिका के ट्रैक एवं फील्ड एथलीट जेम्स कोनोली छह अप्रैल 1896 को त्रिकूद स्पर्धा जीतकर 1500 साल से भी अधिक समय में पहले ओलंपिक चैंपियन बने थे।
खेलों के दौरान पहली बार संगठित मैराथन का आयोजन किया गया लेकिन लगभग आधे प्रतिभागी थकान के कारण स्पर्धा के बीच से ही हट गए। यूनान के स्पाईरिडन लुई ने यह स्पर्धा जीती। तैराकी स्पर्धाएं जिया खाड़ी में हुईं थीं।