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भगवानपुर: पट्टे की आड़ में अवैध खनन

हैरत है कि चकबंदी के चलते सरकारी विभाग अवैध कामों पर भी कार्रवाई नहीं कर सकते... ये बात कुछ हलक से नीचे नहीं उतरती।

 

भगवानपुर: अनलॉक 1 या लॉकडाउन के पांचवे चरण की बात करें तो उत्तराखंड सरकार ने 30 जून तक खनन की अनुमति 30 दी थी। पर अब आलम ये है कि उस अनुमति की आड़ लेकर खनन माफिया अवैध खनन करने से उरेज़ नहीं कर रहे हैं।

तस्वीरों में आप साफ तौर पर देख सकते है थाना बुग्गावाला क्षेत्र के बंजारेवाला गढ़वाल मंडल विकास निगम के पट्टे की आड़ में हो रहा अवैध खनन – जहां पर राजाजी नेशनल पार्क की भूमि पर खुलेआम अवैध खनन किया जा रहा है।

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि शासन द्वारा 1.5 मीटर तक गहराई की परमिशन दी जा रही है जिसकी जगह पर 4 से 5 मीटर तक गहरे गड्ढे किए जा रहे है। इसके अलावा खनन के लिए जेसीबी की परमिशन होती है लेकिन यहां पर भारी मशीनों द्वारा खनन किया जा रहा है। खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि यदि कोई व्यक्ति मौके पर जाना भी चाहता है तो खनन माफिया अपने गुंडों को आगे कर मारपिटाई करवाते हैं और आगे जाने ही नहीं देते।

इसके अलावा पर्यावरण द्वारा एनओसी में दिए गए नियमों का भी खनन माफिया खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। प्रशासन को बार बार शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। या यूं कहे कि आजकल अधिकारियों का कोरोना में व्यस्त होना खनन माफियाओं को काफी रास आ रहा है। प्रशासन हर बार ये कह कर बात को टाल देता है – की जल्द ही कार्रवाई होगी… सवाल ये है कि ये ‘जल्द’  – कब होगा?

इस मामले में एसडीएम भगवानपुर से बात की गई तो उन्होंने ग्रामीणों की शिकायत के ज़िक्र पर ये स्वीकार की उनको इस सन्दर्भ में शिकायत मिली है, पर सवाल ये उठता है कि जब आमजन जागरूकता के साथ जान का खतरा मोल लेकर शिकायत करते हैं, तो क्यों उनकी शिकायत पर कार्रवाई में विलम्ब होता है?

एसडीएम के अनुसार गांव चकबंदी में होने के कारण कुछ समय लग रहा है लेकिन जल्दी ही पैमाईश कर के इसकी जांच कराई जाएगी और शिकायत यदि सही पाई जाती है तो उक्त लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं में कार्यवाही की जाएगी।

लेकिन हैरत है कि चकबंदी के चलते सरकारी विभाग अवैध कामों पर भी कार्रवाई नहीं कर सकते… ये बात कुछ हलक से नीचे नहीं उतरती।

वही अगर बात विभाग की लेट लतीफी की कीजिए तो तकरीबन 12 दिन हो चुके पीड़ित को उपज़िलाधिकारी सन्तोष कुमार पांडेय को शिकायत किये हुए लेकिन अब तक भी विभाग की ओर से कोई कार्यवाही नही हुई।

इस बाबत उपजिलाधिकारी सन्तोष कुमार पांडेय से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के आगे आने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि जांच के लिए सबन्धित लेखपाल को रिपोर्ट भेज दी गयी है और जल्द ही जांच पूरी होकर माफियाओं के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी।