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मसूरी में मानव अधिकारों के संरक्षण को लेकर चला जागरूकता अभियान 

मसूरी में अंतराष्ट्रीय मिशन फाॅर ह्यूमन राइट्स का स्थापना दिवस बड़े धूम धाम से मनाया गया।

मसूरी | मसूरी में अंतराष्ट्रीय मिशन फाॅर ह्यूमन राइट्स का स्थापना दिवस बड़े धूम धाम से मनाया गया। इस मौके पर अंतराष्ट्रीय मिशन फाॅर ह्यूमन राइट्स के कार्यकर्ताओं ने मानव अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी वही लोगो से अपील की कि सभी अपने मानव अधिकारों के प्रति जागरूक रहे वह हनन होने पर उसकी शिकायत प्रशासन, पुलिस और मानव अधिकारों से जुड़ी संस्थाओ से करे जिससे अधिकारों को बचाया जा सके।

वक्ताओं ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष कर मुसलमानों पर हमले बढ़े हैं. इसके अलावा, दलितों और आदि वासियों को अब भी भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें हिंसक हमलों का निशाना बनाया जा रहा है.,सरकार द्वारा क़ानूनों में संशोधन और बलात्कार एवं यौन हिंसा उत्तरजीवियों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से नए दिशा निर्देश और नीतियों को लागू करने के छह साल बाद भी बच्चों और महिलाओं को इस तरह के अपराधों से जुड़े मामले दर्ज कराने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.विकलांग लड़कियों और महिलाओं को न्याय हासिल करने में अतिरिक्त बाधाओं का सामना करना पड़ता है .सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर रहने वाले समुदायों के बच्चों को शिक्षा अधिकार कानून के बावजूद सरकारी स्कूलों में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण उनके श्रम के सबसे निकृष्ट रूपों या बाल विवाह में धकेल दिए जाने का खतरा रहता है।

कार्यक्रम में मिशन के उत्तराखंड इंचार्ज मामचंद ने मानवाधिकार के बारे में बताते हुए कहा कि विश्व में जिस प्रकार से मानवाधिकारों का हनन हो रहा है वो बहुत ही चिंता का विषय है इसके संरक्षण को लेकर सभी को काम करने की जरूरत है। मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश आनंद ने कहा की मनवाधिकारों की रक्षा की व्यक्ति को सबसे पहले अपने परिवार से शुरुआत करनी चाहिए क्योंकि आजकल सबसे अधिक घरेलू हिंसा के मामले समाज में देखने को मिलते है।

कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्यों के लिये अनेक सदस्यों को सम्मानित किया गया जिसमे विशेष रूप से मामाचंद, रेखा चतुर्वेदी, सुनील रोछेला, कविता नेगी, पराँजल ढंगवाल, आरती, बबिता आदि थे। कार्यक्रम का संचालन संस्था के राष्ट्रीय महामंत्री रोहित प्रसाद ने किया।

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