February 7, 2025

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

कितने जोर से काटते थे टी-रेक्स डायनासोर के बच्चे

इस बच्चे को इतना काटने केलिए 5641 न्यूटन का बल लगाना पड़ा होगा।

लंदन। हाल ही में टी रेक्स डायनासोर के बच्चों के जीवाश्म से उसके काटने की क्षमता का अध्ययन करने के मौका मिला तो नतीजों ने कुछ चौंकाने वाली बातें बताईं। जीवाश्म विज्ञानी जैक त्सेंग की काटने वाले जानवरों में बहुत दिलचस्पी रही है। यही वजह थी कि जब उन्हें एक टारोनोसॉरस रेक्स के बच्चों का दांतों के निशान एक जीवाश्म में मिले तो त्सेंगने फैसला किया वे इस दांत के निशान को फिर से बनाकर यह नापेंगे कि टी रेक्स के बच्चों में काटने की कितनी ताकत हुआ करती थी।
पता लगाया कितने बल की पड़ती थी जरूरत। पिछले साल ही त्सेंग और पीटरसन ने 13 साल के टी रेक्स बच्चे के दांतों की एक अनुकृति बनाई और उन्होंने एक यांत्रिक जांच यंत्र के जरिए गाय की हड्डी को काटने का प्रयास किया। काट की गहराई और आकार की 17 सफल तुलनाओं के आधार पर त्सेंग ने पता लगा लिया कि इस बच्चे को इतना काटने केलिए 5641 न्यूटन का बल लगाना पड़ा होगा। इतनी ताकत एक मगरमच्छ से कम लेकिन लगड़बग्घे से कहीं ज्यादा थी। अगर इस काटने की ताकत की तुलना व्यस्क टे रेक्स से की जाए तो व्यस्क टी रेक्स काटने के लिए करीब 35 हजार न्यूटन का बल लगाते हैं। जबकि इंसान केवल 300 न्यूटन की ताकत लगाते हैं। इससे पहले जो टी रेक्स के बच्चों की जबड़ों की काटने की ताकत का अंदाजा लगाया गया था, वह केवल 4000 न्यूटन निकली थी। काटने की ताकत का मापन वैज्ञानिकों को डायनासोर के काल या किसी अन्य शिकारी जानवर के काल के पारिस्थितिकी तंत्र को समझने में मददगार होता है। इससे उस युग के अन्य शिकारी जानवरों को बारे में भी पता चलता है और उस समय की खाद्य शृंखला के बारे में भी जानकारी मिलती है। त्सेंग यूसी बर्केले में इंटीग्रेटिव बायोलॉजीके एसिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
उन्होंने काटने की ताकत के बारे बताते हुए कहा, “अगर आप करीब 6 हजार न्यूटन वाली ताकत के काटने के बारे में बात करें तो यह बहुत ही अलग भार वाली श्रेणी में आ जाता है। इसके आधार पर हमें जानवरों को खाद्य संजाल में अलग ही श्रेणी में रख सकते हैं क्यों ये अपने व्यस्क माता पिता से अलग ही तरह की भूमिका निभाते हैं। यह अध्ययन केवल टी रेक्स डायनासोर में काटने की क्षमता के विकास की जानकारी ही नहीं देता है, बल्कि उस काल में उनके शरीर के विकास के बारे में भी बताता है।