उत्तराखंड बजट सत्र: सदन की मर्यादा तार-तार, संसदीय कार्यमंत्री व कांग्रेस विधायक में नोक-झोंक; सीएम को दी गाली!
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विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन में कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के मध्य हुई नोक-झोंक का मामला तूल पकड़ गया है। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि विधायक ने सरकार और मुख्यमंत्री को गाली दी। शायद वे शराब पिये हुए थे। विधायक बिष्ट ने मंत्री के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि यदि शराब पी है तो मेडिकल करा लो। सदन में विरोध करना विपक्ष का दायित्व है। उधर, भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा है। मंगलवार को सदन में राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन की अवधि बढ़ाने की मांग उठाई। इसके बाद कांग्रेस के विधायक पीठ के सम्मुख आकर नारेबाजी करने लगे।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मामले को संभाला
हंगामे के दौरान अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट सीट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के मध्य तीखी नोकझोंक हो गई। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मामले को संभाला। इस मामले को लेकर बाद में मीडिया कर्मियों ने जब संसदीय कार्यमंत्री अग्रवाल से बातचीत की तो उनका कहना था कि कांग्रेस विधायक बिष्ट शायद शराब पिये हुए थे। इसीलिए हंगामा कर रहे थे। विधायक ने सरकार व मुख्यमंत्री को गाली दी। अंगुली व आंख दिखाकर अमर्यादित व्यवहार किया और तू-तड़ाक पर उतर आए। इसका विरोध किया गया था। कांग्रेस विधायक बिष्ट ने आरोपों को नकारा। साथ ही कहा कि हम विपक्ष के लोग हैं, विरोध तो करेंगे ही। भाजपा सरकार के पास कहने को कुछ नहीं है। जब अभिभाषण के दौरान हमने विरोध किया तो उन्हें चलो-चलो कहा गया। क्या यह संसदीय आचरण है। यदि मंत्री ये कह रहे हैं कि मैने शराब पी थी, तो मेडिकल करा लीजिए। मैं इसके लिए तैयार हूं।
यह दुर्भाग्यपूर्ण: मुख्यमंत्री धामी
उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सदन गरिमा का होता है। पक्ष-विपक्ष मिलकर 70 लोग इस सदन का संचालन करते हैं। ये पक्ष-विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है कि सदन ठीक प्रकार से चले। इस प्रकार का आचरण हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। महिला विधायक भी सदन में है।
सदन को पूरा राज्य देखता है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि सदन में पीठ के सम्मुख आना, आपत्ति जताना लोकतांत्रिक अधिकार है। यह भी हमें देखना चाहिए कि हमारा व्यवहार कैसा है। जनता आपको देख रही है। आप अपना आचरण-व्यवहार देखें। आपत्ति करें, हल्ला करें, लेकिन किस तरह से कर रहे हैं यह ध्यान रखें।