मसूरी में ऐतिहासिक हवाघर भूस्खलन की जद में
मसूरी | कैमल बैक रोड स्थित ऐतिहासिक हवाघर भूस्खलन के बाद खतरे की जद में आ गया है| कैमल बैक रोड स्थित ऐतिहासिक हवाघर का पुश्ता भारी भुस्खलन होने के बाद ढह गया है जिससे ऐतिहासिक हवाघर को भारी नुकसान हो सकता है मंसूरी में लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन लगातार बढ़ रहे हैं इसको लेकर मसूरी में 1834 में अंग्रेजों द्वारा निर्मित हवा घर खतरे की जद में है|। मसूरी नगर पालिका प्रशासन द्वारा इसको संज्ञान में लेते हुए तत्काल पूश्ते का निर्माण कराना शुरू कर दिया है।
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हव घर के पास चाय की दुकान संचालित करने वाले बुजुर्ग शिव प्रसाद भारद्वाज ने बताया कि लगातार स्थानीय प्रशासन और पालिका द्वारा ऐतिहासिक हवाघर की अनदेखी की जा रही है, उन्होंने कहा कि हवा घर के रखरखाव के लिए नगर पालिका द्वारा लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं परंतु व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर हवाघर का काम नहीं हो पाता है, ऐसे में लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है ।उन्होंने कहा कि इस हवा घर में देष विदेश के लोग आराम करने के साथ हवा घर से दिखने वाले हिमालय श्रृंखला के खूबसूरत नजारे को निहारते हैं वही कैमल बैक रोड लोगो के लिए मॉर्निंग वॉक पर इवनिंग वॉक के लिए घूमते हैं और इस हवा घर में आकर आराम करते हैं ऐसे में नगर पालिका प्रशासन को हवाधर को संरक्षित करने के साथ इसकी मेंटेनेंस करने के लिए ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए वही हवा घर के आसपास गंदगी भी काफी अंबार रहता है उसको लेकर भी पालिका प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।