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सुब्रमण्यम स्वामी की देवस्थानम बोर्ड भंग करने हेतु याचिका ख़ारिज, सरकार ने किया फैसले का स्वागत

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मुख़्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुवे कहा कि बोर्ड का गठन, राज्य गठन के बाद सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम है।

चार धामदेहरादून: सरकार ने चार धाम मंदिर समिति को भंग कर देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था जिससे सरकार मंदिरो तक पर नजर रखने के साथ-साथ उनके रख रखाव का कार्य स्वयं कर सके।

बोर्ड बनने के बाद स्थानीय पंडा समाज और पुजारियों सहित मंदिर से जुड़े लोगों ने इसका भारी विरोध किया। यहां तक कि इतिहास में पहली बार पंडा समाज सरकार के किसी निर्णय के खिलाफ सड़को पर उतरा जिसके बाद भाजपा के ही दिग्गज नेता और जाने माने वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार के इस फैसले को चुनौती देने कोर्ट में गए।

आज नैनीताल हाईकोर्ट ने उनकी इस याचिका को ख़ारिज कर दिया जिसके बाद सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया।

नैनीताल हाईकोर्ट में अपनी ही सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सुब्रमण्यम स्वामी की देवस्थानम बोर्ड को भंग करने वाली याचिका को आज नैनीताल हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है जिसके बाद राज्य सरकार ने राहत की सांस ली है और कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है साथ ही प्रदेश के पर्यटन मंत्री ने भी इसको सही करार देते हुए मंदिर की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की बात कही है।

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मुख़्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुवे कहा कि बोर्ड का गठन, राज्य गठन के बाद सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम है। भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बोर्ड का गठन किया गया है। साथ ही मुख़्यमंत्री ने कहा की बोर्ड बनने के बाद तीर्थ पुराहितों और पंडा समाज के हक हकूक पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से बोर्ड का गठन किया गया है। पिछले वर्ष 36 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आए। आने वाले समय में इसमें बहुत वृद्धि होने की सम्भावना है। इसलिए इतनी बड़ी संख्या मे आने वाले यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। माननीय उच्च न्यायालय ने एक तरह से राज्य सरकार के निर्णय पर अपनी मुहर लगाई है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक़-हुक़ूक़ और हितों को सुरक्षित रखा गया है। जहां भी धर्म और संस्कृति का विषय होता है, वहां परम्पराओं का बहुत महत्व है। हमने चारधाम के संबंध में सभी परम्पराओं का बनाए रखा है। सैंकड़ों सालों से स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और पण्डा समाज ने चारधाम की पवित्र परम्पराओं का संरक्षण किया है। विपरीत परिस्थितियों के होने पर भी दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं का ध्यान रखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं देखा है कि बरसात में रास्ते बंद हो जाने पर किस प्रकार तीर्थ पुराहितों ने श्रद्धालुओं के रुकने, खाने आदि की व्यवस्था कीे है। इसी भावना के कारण उत्तराखण्ड को देवभूमि का मान मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ पुराहितों ने यहां की परम्पराओं का संरक्षण किया है और देवभूमि का मान बढ़ाया है, उनके हितों की रक्षा, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर किसी प्रकार का संशय नहीं होना चाहिए। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय को किसी की जीत हार से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।