January 30, 2025

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सरल और संक्षिप्त

हरीश रावत ने की गंगा किनारे एक घंटे की मौन साधना

सुनें क्या कहा हरीश रावत ने कुम्भ कार्यों को लेकर।

 

हरिद्वार | पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज हरिद्वार पहुंचकर गंगा किनारे एक घंटे की मौन साधना की। किसान घाट पर की गई रावत की मौन साधना में उनके साथ कांग्रेसी कार्यकर्ता भी शामिल हुए।

मौन साधना से पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरीश रावत ने कहा कि मैंने राज्य सरकार को समय-समय पर आगाह किया है कि आप कुंभ और कुंभ मेला क्षेत्र की उपेक्षा कर रहे हैं। कुंभ एक राष्ट्रीय इवेंट है और हमारे जीवन का महत्वपूर्ण पल है उसको लेकर जो गंभीरता दिखाई जानी थी। जो कार्य होने थे, वह सरकार द्वारा नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि 2016 के अर्धकुंभ के काम आज भी दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कुंभ के नाम पर साफ-सफाई और रंग पुताई के अलावा यहां से लेकर देवप्रयाग तक कोई भी कार्य नजर नहीं आ रहा है। यह उपेक्षा तो राज्य सरकार द्वारा की ही जा रही है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा भी कुंभ की घोर उपेक्षा की जा रही है। अगर हम प्रयागराज और उज्जैन कुंभ की बात करें तो केंद्र सरकार ने वहां की राज्य सरकारों को बहुत मोटा कुंभ का बजट दिया था लेकिन हरिद्वार के कुंभ को केंद्र सरकार ने बहुत कम बजट दिया है। केंद्र सरकार हरिद्वार कुंभ मेले को बहुत हल्के में ले रही है।

हरिद्वार | मुख्यमंत्री ने कुम्भ निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उनकी साधना को पापों का प्रायश्चित बताए जाने पर पलटवार करते हुए हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने अपने पापों का प्रायश्चित उस दिन कर लिया था जिस दिन प्रदेश की कानों में तेल डालकर सोयी हुई सरकार को जगाने का काम किया। उन्होंने चुनाव में वादा किया था कि हम जब आएंगे तो मेरी सरकार का गंगा को लेकर किया गया आदेश बदल देंगे, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार साढ़े तीन साल तक कानों में उंगली दे कर बैठी रही और जब मैं अखाड़ों में पहुंचा, गंगा सभा पहुंचा और मैंने कहा कि हमसे गलती हुई है और त्रिवेंद्र सरकार इसे ठीक करें हम उसका समर्थन करेंगे, मैंने सोई हुई सरकार को जगा कर अपना प्रयाश्चित कर लिया और त्रिवेंद्र सरकार का प्रायश्चित यह होगा कि एस्केप चैनल शासनादेश को रद्द करने में जो उन्होंने देरी की है वह उसके बदले हरिद्वार में एक सुंदर और भव्य कुंभ करके दे, लेकिन ऐसा होने नहीं जा रहा है शहर में खुदाई करके बस माल कमाई हो रही है।