November 21, 2024

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Gyanvapi Masjid Case | शिवलिंग मिलने के दावे पर बाबरी का जिक्र कर भड़के ओवैसी, कहा मेरी आशंका…

जैसे ही यह खबर फैली एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
शिवलिंग मिलने के दावे पर बाबरी का जिक्र कर भड़के ओवैसी, कहा मेरी आशंका...

नई दिल्ली । वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में चल रहे सर्वे के दौरान सोमवार अंतिम दिन उस समय नया मोड़ आ गया जब हिंदू पक्ष ने शिवलिंग मिलने का दावा कर दिया। यहां की एक अदालत ने फौरन जिला प्रशासन को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस हिस्से को सील करने का निर्देश दे दिया।

जैसे ही यह खबर फैली एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ज्ञानवापी की तुलना बाबरी मामले से कर डाली। उन्होंने लिखा, ‘यह बाबरी मस्जिद पर दिसंबर 1949 का टेक्स्टबुक रीपीट है। यह आदेश अपने आप में मस्जिद के धार्मिक स्वरूप को बदल देता है। यह 1991 के ऐक्ट का उल्लंघन है।’ उन्होंने कहा कि मैंने आशंका जताई थी, जो सच हो गई है। ओवैसी ने आगे कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद थी और कयामत के दिन तक मस्जिद ही रहेगी।

एक टीवी चैनल से बातचीत में ओवैसी ने कहा कि ये जो कोर्ट का आर्डर है वह 1991 के पार्लियामेंट ऐक्ट के खिलाफ है क्योंकि आज का आदेश उस मस्जिद के नेचर ऑफ कैरेक्टर में तब्दीली लाता है जो ऐक्ट बनाया ही इसलिए गया था कि किसी भी मजहबी इबादतगाह, धार्मिक स्थल का नेचर ऑफ कैरेक्टर न बदले। ओवैसी ने कहा कि आज का आदेश सुप्रीम कोर्ट के बाबरी मस्जिद-राम मंदिर पर जजमेंट का उल्लंघन करता है।

उन्होंने कहा कि जब कल सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर सुनवाई कर रहा है, मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि इतनी जल्दी क्या थी कि रिपोर्ट पेश भी नहीं हुई और आप कोर्ट गए तो आदेश भी पारित हो गया कि इलाके को सील कर दिया जाए। ओवैसी ने कहा कि बाबरी केस में मैंने कहा था कि यह आस्था के आधार पर दिया गया फैसला है और अब दूसरे मसले खुल जाएंगे…खुल गया है। संघ के नेताओं की वेबसाइटों पर जाइए कि बताते हैं कि सब किसी जमाने में मंदिर थे, अब रोज यही मसला पैदा होगा।

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने ओवैसी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘देश संविधान से चलता है, तुष्टीकरण से नहीं… यह कार्य नेहरू जी को आजादी के तुरंत बाद कर देना चाहिए था।’ ओवैसी और गिरिराज के ट्वीट पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। पक्ष और विपक्ष में लोग उतर आए हैं। उधर, वाराणसी में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को सुरक्षित करने की मांग पर सुनवाई करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान मस्जिद परिसर में कथित तौर पर शिवलिंग का मिलना महत्वपूर्ण साक्ष्य है।

अदालत ने जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को उस हिस्से को सील करने का आदेश दिया, जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। यादव के मुताबिक, अदालत ने पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी और सीआरपीएफ कमांडेंट को सील किए जाने वाले स्थान को संरक्षित और सुरक्षित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने बताया कि अदालत ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया है कि जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, उस स्थान पर लोगों का प्रवेश वर्जित कर दें और मस्जिद में केवल 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दें। इससे पहले, यादव ने बताया था, ‘सर्वे दल को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में नंदी की प्रतिमा के सामने वजू खाने के पास शिवलिंग मिला है।’ वजू खाना मस्जिद के भीतर वह जगह होती है, जहां लोग नमाज पढ़ने से पहले हाथ, पैर और मुंह धोते हैं।