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सितारगंज: लॉक डॉउन में में गरीबों का मारा जा रहा हक़

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लोगों का कहना है कि कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते पीले राशन कार्ड धारकों को राशन तो दिया जा रहा है पर राशन बांटने वाले अपने चहेतों को ही मुफ्त राशन किटें बाँट रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप असल में ज़रूरतमंद परिवारों के हक पर डाका डाला जा रहा है।

रिपोर्टर: चरन सिंह

ख़ास बात:

  • गरीबों को मिलने वाले राशन में गड़बड़ी
  • राजस्व कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों पर लगा आरोप
  • गरीबों का मारा जा रहा हक़
  • लगातार हो रही मुफ्त राशन बांटने में धांधली

सितारगंज, ऊधमसिंहनगर: कोरोना के चलते लॉक डॉउन में जहाँ गरीब व मजदूर परिवार भुखमरी की कगार पर आ गए है वहीं सरकार द्वारा सितारगंज में भी मुख्यमंत्री राहत कोष व बजाज कंपनी द्वारा मुफ्त राशन बाँटा जा रहा है। लेकिन ओछी राजनीति के चलते गरीब परिवारों को उनके हक़ का राशन भी सही से  नही मिल पा रहा है। नगर में फिलहाल बाँटे जा रहे बजाज कंपनी द्वारा मुफ्त राशन में भी कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों व राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते गरीबों को राशन मुहैय्या नहीं हो पा रहा है।

लोगों का कहना है कि कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते पीले राशन कार्ड धारकों को राशन तो दिया जा रहा है पर राशन बांटने वाले अपने चहेतों को ही मुफ्त राशन किटें बाँट रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप असल में ज़रूरतमंद परिवारों के हक पर डाका डाला जा रहा है।

वहीं कुछ परिवारों का कहना है कि जिनकी चार-चार मंजिले मकान है या फिर नौकरी-पैसे-ज़मीन वाले लोग हैं, उन्हें मुफ्त राशन दिया जा रहा है। ग़रीब व बेसहारा लोगों को किटें न देकर जन प्रतिनिधियों व राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों द्वारा अधिकारियों को भी गुमराह किया जा रहा है।