November 21, 2024

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प्रदेश में चारे की कमी होगी दूर, कैबिनेट ने दी ‘उत्तराखंड चारा नीति’ को मंजूरी

प्रदेश में चारे की कमी को दूर करने, पशुधन उत्पादन में वृद्धि और महिलाओं का बोझ कम करने के लिए कैबिनेट ने उत्तराखंड चारा नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति में हरे चारे की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश में पशुपालकों को चारे के उन्नत बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। वहीं सूखे चारे की कमी को दूर करने के लिए हरियाणा अथवा पंजाब में 20 हजार मीट्रिक टन की क्षमता वाले भूसा इकाई स्थापित की जाएगी।
प्रदेश में हर वर्ष चारे की काफी कमी देखने को मिलती है। अभी प्रदेश में चारे की 31 प्रतिशत कमी है। विशेष रूप से सूखे चारे के लिए प्रदेश के पशुपालकों को अन्य राज्यों के भरोसे रहना पड़ता है। गत वर्ष सूखे चारे की कमी हो गई थी, जिसे पूरा करने के लिए सरकार को खासी परेशानी हुई थी। इसे देखते हुए कैबिनेट ने उत्तराखंड चारा नीति पारित की है।
इस नीति के बिंदुओं का क्रियान्वयन पशुपालन विभाग, सहकारिता विभाग, दुग्ध विकास विभाग तथा रीप की सहायता से किया जाएगा। राज्य में हरे चारे के लिए पशुपालकों को उन्नत किस्म के चारा बीज वितरित किए जाएंगे। नीति में प्रथम वर्ष में 53400 मीट्रिक टन सूखा चारा और 1125300 मीट्रिक टन हरे चारे का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य पशुवन मिशन किया जाएगा शुरू:
प्रदेश में पशुपालकों के समग्र विकास के लिए राज्य पशुवन मिशन शुरू किया जाएगा। इसमें स्थानीय युवाओं व महिलाओं में उद्यमिता विकास के जरिये प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजित किया जाएगा। यह योजना रिवर्स माइग्रेशन के लिए भी अहम हो सकती है।