September 4, 2025

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उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक महासंघ शासन द्वारा किये गए आदेश पे जताई घोर निंदा

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक महासंघ शासन द्वारा किये गए आदेश पे जताई घोर निंदा

पौड़ी| उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक महासंघ जनपद पौड़ी शाखा की एक बैठक आज मण्डल मुख्यालय मे आहूत की गई। जिसमें शासन द्वारा हड़ताल, प्रदर्शन एवं विरोध करने पर रोक लगाने का आदेश निर्गत करने की घोर निंदा की गई। साथ ही सचिवालय महासंघ द्वारा अपनी जायज मांगों के लिए किए जा रहे आंदोलन एवं हड़ताल को भी अपना पूर्ण समर्थन दिया गया।

बैठक मे उपस्थित कर्मचारियों का कहना था कि यदि सरकार कर्मचारियों की मांगों को मानते हुए उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित करती है तो हड़ताल प्रदर्शन जैसी नौबत ही नहीं आएगी। सरकार को सोचना होगा कि क्यों कर्मचारी सड़कों पर उतर रहे हैं? हड़ताल प्रदर्शन कर रहे हैं। किसी भी सरकार की यह नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वह अपने कर्मचारियों की जायज मांगों के समाधान के लिए उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित करें और उनका समाधान निकालें। न कि उन्हें अपनी मांगों के लिए होने वाले प्रदर्शन हड़ताल आदि करने से रोकने के लिए आदेश निर्गत करें।

यदि सरकार जल्दी ही नहीं चेती और उसके द्वारा कर्मचारी विरोधी निर्णय लिए गए तो वह दिन दूर नहीं जब इस प्रदेश का प्रत्येक कर्मचारी सड़कों पर होगा और हड़ताल करेगा। फिर इस प्रदेश को हड़ताली प्रदेश बनने से कोई नहीं रोक सकेगा। जिस प्रदेश के प्रत्येक कर्मचारी ने हर मुसीबत की घड़ी में सरकार का साथ देते हुए इस प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का प्रयास किया है उन्हीं कर्मचारियों के विरुद्ध सरकार द्वारा अन्याय पूर्ण निर्णय लिया जा रहा है।

उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ हमेशा से ही इस बात का हिमायती रहा है कि उन अधिकारियों की भी जिम्मेदारी फिक्स की जाए जिनके द्वारा यह प्रदेश हड़ताली प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाना चाहिए जो कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के बजाय उन्हें उलझाने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक महासंघ ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों को किसी भी हालत में बख्शने को तैयार नहीं है।

आज आज की बैठक में जयदीप रावत, सीताराम पोखरियाल, मंगल नेगी, जसपाल सिंह रावत, भवान सिंह नेगी, दीपक कोठारी, दीपक गैरोला, मनोज काला, लक्ष्मण सिंह रावत, दीपक गौडीयाल, प्रदीप सजवान, उनियाल अजीत रावत आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सचिवालय संघ के आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन दिया।

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