मनसुख हिरेन केस | सचिन वाजे को मीठी नदी लेकर गयी NIA, मिले एहम सुराग
मुंबई | एंटीलिया केस में जांच के तहत एनआईए रविवार को मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को लेकर बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के पास मीठी नदी के पुल पर पहुंची।
एनआईए ने सबूत की तलाश में करीब 11 गोताखोरों और सफाई कर्मचारियों को नदी में उतारा। इस कार्रवाई में नदी में से दो नंबर प्लेट बरामद हुए, दोनों पर एक ही नंबर लिखा है। साथ ही डीवीआऱ, दो सीपीयू और एक हार्ड डिस्क मिले। इसके अलावा एक प्रिंटर और एक लैपटॉप भी भी बरामद हुआ है।
Maharashtra: NIA takes Sachin Waze to the bridge over Mithi river in Mumbai's Bandra Kurla Complex in connection with the probe of Mansukh Hiren death case.
Divers have recovered a computer CPU, number plate of a vehicle, and other items from the river. pic.twitter.com/nIxN60tOU7
— ANI (@ANI) March 28, 2021
आरोप है कि ये सारी चीजें सचिन वाजे और रियाज काजी ने सबूतों को मिटाने के मकसद से नदी में फेंक दी थीं। ये दोनों फिलहाल मुंबई पुलिस से निलंबित कर दिए गए हैं।
सचिन वाजे 3 अप्रैल तक एनआईए की कस्टडी में है और रियाज काजी से भी एनआईए रोज गहराई से पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, लगातार जानकारी मिलने के बाद ही गोताखोरों को जांच एजेंसी ने पानी में उतारा। जांच एजेंसी का मानना है कि ये सारी चीजें एंटीलिया और मनसुख हिरेन केस से जुड़ी हैं।
आपको बता दें कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक गाड़ी में जिलेटिन की छड़ें मिलने के मामले में गिरफ्तार किए गए निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे 3 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में हैं। पहले 25 मार्च तक एनआईए की हिरासत में भेजा गया था जिसे बढ़ाकर 3 अप्रैल तक कर दिया गया है।
एनआईए ने सचिन वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया था. इससे पहले एनआईए के अधिकारी 25 मार्च की शाम सचिन वाजे को मुंबई से सटे ठाणे स्थित रेती बंदर क्रीक लेकर पहुंची थी, जहां व्यापारी मनसुख हिरेन का शव मिला था। मनसुख हिरेन की पत्नी ने सचिन वाजे पर हत्या में उनके हाथ होने का आरोप लगाया था।
रियाज काजी का नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया
रियाज काजी एक नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इसमें रियाज काजी एक नंबर प्लेट बनाने वाली दुकान में घुसते हुए दिखाई दे रहा है. मुंबई के विक्रोली इलाके के बंटी रेडियम नाम की इस दुकान में वो दुकान के मालिक से थोड़ी देर बात करता है। और अपने साथ कुछ डीवीडी और कंप्यूटर ले जाता हुआ दिखाई दे रहा है।
कहा जा रहा है कि इन चीजों में कई सबूत मौजूद हैं जिन्हें काजी ने बाद में मीठी नदी में फेंक दिया था। आरोप है कि फर्जी नंबर प्लेट दिलवाने में वाजे की मदद काजी ने ही की थी। आज जो सबूत हाथ लगे हैं, उनकी जब जांच की जाएगी तो कई नए खुलासे सामने आएंगे और अंबानी विस्फोटक प्रकरण और मनसुख हिरेन हत्या प्रकरण को सुलझाने में मदद मिल सकेगी।
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