50 बच्चों का यौन शोषण करने वाले इंजीनियर की एम्स में होगी जांच
नई दिल्ली | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 50 बच्चों का उत्पीड़न करने के आरोप में पिछले साल गिरफ्तार किए गए उत्तर प्रदेश सरकार के एक जूनियर इंजीनियर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों की एक टीम विस्तृत फोरेंसिक, मेडिकल और मनोवैज्ञानिक जांच के लिए राजधानी लेकर आई है। सीबीआई की विशेष इकाई ने बच्चों के यौनशोषण करने के मामले में इंजीनियर रामभुवन को सीबीआई की विशेष इकाई ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था।
सीबीआई की यह इकाई ऑनलाइन बाल यौन अपराध और शोषण रोकथामध्जांच में निपुण है। आरोपी ने एक पिछले एक दशक में उत्तर प्रदेश के चार जिलों में 5-16 साल के उम्र के करीब 50 बच्चों का कथित रूप से उत्पीड़न किया और यौन हरकत सामग्री अश्लील वेबसाइटों पर बेची। अधिकारियों ने बताया कि विशेषज्ञों द्वारा उसकी मनोवैज्ञानिक दशा का आकलन और आवाज के विश्लेषण के साथ मर्दानगी का परीक्षण किया जाएगा। एम्स के विशेषज्ञ उसकी मनोवैज्ञानिक दशा का विस्तृत मूल्यांकन करेंगे। यह पता लगाने के लिए केंद्रीय अपराध विज्ञान प्रयोगशाला में उसकी आवाज का विश्लेषण किया जाएगा कि उसके निवास पर तलाशी के दौरान मिले वीडियो में आवाज उसी की है।
अधिकारियों ने बताया कि उसकी मर्दानगी जांच भी कराई जाएगी ताकि वह भविष्य में यह दावा न कर दे कि वह यौन हरकतें करने में असमर्थ है। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उसने हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट जिलों में पांच से 16 साल के बच्चों को अपना शिकार बनाया। अधिकारियों ने बताया कि वह नकद और मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण देकर अपने शिकार को चुप करा देता था। उसका तौर तरीका ऐसा था कि वह जांच एजेंसियों की नजर से दूर करते हुए अपनी गतिविधियां जारी किए था। सीबीआई ने दावा किया था बच्चों के शारीरिक शोषण के साथ ही आरोपी अपनी हरकतें अपने मोबाइल फोन, लैपटाप पर रिकार्ड कर लेता था।