September 9, 2025

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कर्मचारी पेशा लोगों से लगातार 5 घंटे से ज्यादा काम नहीं करा सकते!

जुलाई माह से ऑफिस, मिल, फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों, मजदूरों, वर्कर्स के लिए नए वेज बोर्ड को लागू किया जा सकता है।

नई दिल्ली।  कर्मचारी पेशा लोगों के लिए जुलाई माह कई बड़े बदलाव लेकर आ सकता है, इसका कारण है कि जुलाई माह से ऑफिस, मिल, फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों, मजदूरों, वर्कर्स के लिए नए वेज बोर्ड को लागू किया जा सकता है। यह वेज बोर्ड पहले एक अप्रैल से लागू होना था, लेकिन श्रम मंत्रालय ने इस समय इसे टाल दिया था। यदि ऐसा हुआ तो नौकरीपेशा लोगों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में कमी आ सकती है। इसके अलावा काम के घंटे, ओवरटाइम, ब्रेक टाइम जैसी चीजों को लेकर भी नए लेबर कोड में प्रावधान किए गए हैं।

सरकार ने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए वेज कोड तैयार किए हैं। ये चार कोड हैं इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, कोड ऑन ऑक्‍यूपेशनल सेफ्टी, हेल्‍थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (ओएसएच) और सोशल सिक्‍योरिटी कोड और कोड ऑन वेजेज। वेज कोड एक्ट, 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े। वेज कोड एक्ट, 2019 के लागू होने के बाद कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा। कर्मचारियों की टेक होम सैलरी घट जाएगी, क्योंकि बेसिक पे बढ़ने से कर्मचारियों का पीएफ ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। पीएफ के साथ-साथ ग्रैच्युटी में भी योगदान बढ़ जाएगा। यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी।

असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा। सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी। ईपीएफो बोर्ड मेंबर और भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय का कहना है कि श्रम कानूनों में 4 लेबर कोड शामिल हैं। इन चारों को किस तरह लागू किया जाएगा यह तय होना है। श्रम मंत्रालय जल्द ही चारों कोड के अलग-अलग नोटिफिकेशन जारी करेगा। जुलाई तक सभी कंपनियों को भी अपने-अपने स्तर पर सॉफ्टवेयर में बदलाव करने होंगे। हालांकि, कोरोना महामारी की जो स्थितियां पिछले महीने तक रही हैं, उससे हो सकता है कंपनियों के पास विंडो कम बची हो। लेकिन, फिलहाल जुलाई की डेडलाइन है।

विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना छुट्टियां, पेंशन, पीएफ, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट जैसे अहम मुद्दे पर नियमों में बदलाव होना है। नए नियमों को जुलाई से पहले बदले जाने की संभावना है। श्रम मंत्रालय के लेबर रिफॉर्म सेल के एक अधिकारी के मुताबिक लेबर यूनियन ने पीएफ और सालाना छुट्टियों को लेकर मांग रखी है, यूनियन की मांग है कि ईएल को 240 से बढ़ाकर 300 कर देना चाहिए। केंद्र सरकार जल्‍द ही एक बड़ा फैसला लेने वाली है। इस फैसले के बाद आपके प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) में तो इजाफा होगा मगर आप जो सैलरी घर लेकर जाते हैं, वो कम हो जाएगी। मोदी सरकार 4 नए लेबर कोड्स को लागू कर सकती है। सरकार इन फैसलों को आने वाले दिनों में आगे बढ़ाएगी। एक बार इन कानूनों के अमल में आने पर बेसिक पे और पीएफ में मह‍त्‍वपूर्ण बदलाव होंगे। लेबर कोड अगर लागू होता है तो आपके काम के घंटों से लेकर ओवरटाइम के नियम भी बदल जाएंगे। नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव है। ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के ओवर टाइम को भी 30 मिनट का गिना जाएगा। इसे भी ओवरटाइम में शामिल करने का नियम है। ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम नहीं कराया जा सकता है। हर पांच घंटे के बाद उसको 30 मिनट का ब्रेक देना अनिवार्य किया गया है।

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