एक युग का अंत, नहीं रहे ‘ट्रेजेडी किंग’ दिलीप कुमार
मुंबई । हिन्दी फिल्मों के सुपरस्टार और ‘ट्रेजिडी किंग’ के नाम से ख्यात महान अभिनेता दिलीप कुमार का बुधवार 7 जुलाई 2021 की सुबह निधन हो गया। दिलीप साहब 98 साल के थे और पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। दिलीप कुमार ने मुंबई के खार स्थित हिंदूजा अस्पताल में सुबह 7:30 बजे आखिरी सांसें लीं। उनके निधन से पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है।
दिलीप कुमार का अंतिम संस्कार बुधवार को ही मुंबई के सांताक्रूज कब्रिस्तान में किया जाएगा। दिलीप कुमार का पार्थिव शरीर अस्पताल से बाहर लाया गया है। अब यहां से सीधे पार्थिव शरीर को कब्रिस्तान ले जाया जाएगा। शाम करीब 5 बजे उन्हें सुपुद-ए-खाक किया जाएगा।
दिलीप कुमार का इलाज कर रहे डॉ. जलील पारकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हमने हर संभव कोशिश की। हम यही चाहते थे कि वो 100 साल पूरे करे। 98 साल के उम्र में हर इंसान को कई तकलीफें होती हैं। डॉ. निखिल गोखले लगातार दिलीप कुमार की देखरेख कर रहे थे। सायरा बानो भी सुबह अस्पताल में थीं। उनको सांस को तकलीफ थी।
डॉ. निखिल 20 साल से अधिक समय से उनका इलाज कर रहे थे। हमने न्यूरोलॉजिस्ट और सर्जन सबके साथ मिलकर उनका इलाज किया। उनके ऐसा शख्स शायद ही कभी बॉलीवुड में पैदा होगा। उन्होंने देश का नाम दुनिया में रौशन किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’
दिलीप कुमार को 7 दिन पहले हिंदुजा अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके बाद उन्हें बीते मंगलवार को अस्पताल के आईसीयू वार्ड में रखा गया। वह इससे 10 दिन पहले ही हिंदुजा अस्पताल से छुट्टी लेकर घर लौटे थे। दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो ने मंगलवार को पहले बताया था कि साहब की सेहत में सुधार हो रहा है, लेकिन फिर अचानक बुधवार ऐसी ऐसी खबर आई जिसने बॉलीवुड और देश की नींद उड़ा दी।
दिलीप कुमार को इससे पहले जब 6 जून को सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था, तब उनके फेफड़ो में बाइलेटरल प्ल्यूरल इफ्यूजन पाया गया था। इसमें फेफड़े इर्द-गिर्द पानी जमा हो जाता है। डॉक्टर्स ने प्ल्यूरल एस्पिरेशन के जरिए उनके फेफड़ों के पास जमा पानी को बाहर निकाल दिया था। तब पांच दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान था और उनका जन्म अविभाजित भारत के पेशावर में 11 दिसंबर 1922 को हुआ था। उन्होंने साल 1944 में फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से फिल्मों में प्रवेश किया था। इसके बाद दिलीप कुमार बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार बने और उन्होंने एक से बढ़कर एक शानदार फिल्में दीं।
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