धामी मंत्रिमंडल ने दी अध्यादेश को मंजूरी, अब अतिक्रमण पर सात से 10 वर्ष की जेल

धामी मंत्रिमंडल ने दी अध्यादेश को मंजूरी, अब अतिक्रमण पर सात से 10 वर्ष की जे
धामी मंत्रिमंडल ने दी अध्यादेश को मंजूरी, अब अतिक्रमण पर सात से 10 वर्ष की जेल
उत्तराखंड में सरकारी, सार्वजनिक और निजी परिसंपत्तियों पर अनधिकृत कब्जा अथवा अतिक्रमण गैर जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा। अतिक्रमणकारी अथवा अवैध कब्जाधारक को दंड के रूप में अधिकतम 10 वर्ष के कारावास की सजा दी जा सकेगी। कब्जा की गई भूमि का बाजार मूल्य वसूल किया जाएगा। अतिक्रमण के मामलों की सुनवाई को स्पेशल कोर्ट का गठन होगा। इस संबंध में पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को उत्तराखंड, भूमि पर अतिक्रमण (निषेध) अध्यादेश, 2023 को स्वीकृति दी। जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति अतिक्रमण को चिह्नित करेगी।
पुष्कर सिंह धामी सरकार प्रदेश में सरकारी और सार्वजनिक भूमि पर बढ़ते अतिक्रमण को लेकर सख्त रुख अपना रही है। इस कड़ी में राज्य मंत्रिमंडल ने अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कानून पर मुहर लगा दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। मंत्रिमंडल ने 33 बिंदुओं पर निर्णय लिए। मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगोली ने मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में राजकीय, सार्वजनिक एवं निजी परिसंपत्तियों पर अतिक्रमण की घटनाएं समय-समय पर संज्ञान में आ रही हैं। इस पर प्रभावी अंकुश लगाने के साथ ही भूमि के प्रबंधन और संरक्षण को सशक्त बनाने के लिए उत्तराखंड, भूमि पर अतिक्रमण (निषेध) अध्यादेश पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी।
स्पेशल कोर्ट का होगा गठन
अध्यादेश में अतिक्रमण को सख्ती रोकने के लिए कानूनी प्रविधान किए गए हैं। हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति अतिक्रमण को चिह्नित कर ऐसे मामलों में कार्रवाई की संस्तुति भी करेगी। स्पेशल कोर्ट का गठन कर अतिक्रमण के मामलों की सुनवाई होगी। कोर्ट के लिए पीठासीन अधिकारी नामित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण को गैर जमानती संज्ञेय अपराध घोषित किया गया है।
उकसाने वाले को मिलेगी सजा
अतिक्रमण को दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति अथवा व्यक्तियों को सात वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक कारावास की सजा मिलेगी। यही नहीं भूमि पर अवैध कब्जा करने के लिए उकसाने वाले व्यक्ति के लिए भी सजा का प्रविधान किया गया है। इस संबंध में अलग से नियमावली भी बनाई जाएगी। यह अध्यादेश अतिक्रमण के नए और पुराने, दोनों मामलों में प्रभावी होगा।
कैबिनेट के प्रमुख निर्णय:
प्रदेश में जन सेवाओं से जुड़े समस्त विभागों में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल से पांच प्रतिशत बढ़ जाएंगे यूजर चार्जेज।
महिला कार्मिकों को रात्रि पाली में सायं सात बजे से सुबह छह बजे तक कार्य करने की छूट, रात्रि पाली में परिवहन में सुरक्षा व्यवस्था अनिवार्य।