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सेवा केंद्र के रूप में निकाय कार्यालयों को करें विकसित, सीएम धामी ने दी संवाद कार्यक्रम में दी नसीहत

नगर निकायों के जनप्रतिनिधि अपनी भूमिका को केवल एक पद के रूप में न देखें, बल्कि इसे जनसेवा के मिशन के रूप में अपनाएं। यह सभी को सुनिश्चित करना होगा कि ट्रिपल इंजन की सरकार की योजनाओं व कार्यों का लाभ समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार शाम को मुख्य सेवक सदन में शहर से संवाद कार्यक्रम में नगर निगमों के महापौर व नगर पालिका परिषदों के अध्यक्षों को यह नसीहत दी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि निकाय कार्यालय को एक प्रशासकीय इकाई ही नहीं, बल्कि उसे सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, ताकि हर नागरिक बिना झिझक के पूरे विश्वास के साथ वहां आए। साथ ही निकाय प्रमुखों से कहा कि वे पारदर्शिता, जवाबदेही व ईमानदारी को अपनी कार्यशैली का मूलमंत्र बनाएं।
मुख्यमंत्री धामी ने शहरी विकास विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में निकाय प्रमुखों से अपेक्षा की कि वे उन कार्यों की स्वयं मानीटरिंग करें, जिनमें भ्रष्टाचार की संभावना अधिक रहती है। प्रशासनिक स्तर पर सतर्कता ही सुशासन की सबसे बड़ी गारंटी बन सकती है। निकाय प्रमुख भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति अपनाएं और अधिकारियों व कर्मचारियों को साफ संदेश दें कि किसी भी स्तर पर भ्रष्ट आचरण सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी केवल सत्ता में रहने की ही नहीं, बल्कि असल जिम्मेदारी जनता की सेवा करने की है।

शहरों की आत्मा हैं नगर निकाय
मुख्यमंत्री ने महापौर व पालिकाध्यक्षों से बातचीत में उनकी समस्याएं भी सुनीं। उन्होंने कहा कि नगर निगम व नगर पालिकाएं किसी भी शहर की आत्मा हैं। यह बुनियादी सुविधाएं जनता तक पहुंचाने के साथ ही शहर की दशा व दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अभी बहुत कुछ करना शेष है। कई नगरों में जल निकासी की दिक्कत अभी भी बनी है। शहरों में कचरा प्रबंधन को बेहतर करने की जरूरत है। यातायात नियंत्रण व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी निकायों को गंभीरता से कार्य करना होगा।

निकायों को हरसंभव सहायता देगी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि निकाय क्षेत्रों की चुनौतियों का सामना करने के लिए संकल्पित होकर प्रयास करने होंगे। साथ ही आश्वस्त किया कि निकायों को सरकार हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन बुनियादी ढांचे के सशक्तीकरण, स्मार्ट सिटी मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत मिशन, पीएम स्वनिधि समेत अन्य योजनाओं का उल्लेख भी किया।
साथ ही समान नागरिक संहिता, सख्त नकलरोधी कानून, सख्त भू कानून, सख्त दंगारोधी कानून, जबरन मतांतरण रोकने को सख्त कानून सांस्कृतिक मूल्यों व डेमोग्राफी को संरक्षित रखने को उठाए गए कदमों पर भी रोशनी डाली।

तीन वेब पोर्टल किए लांच
मुख्यमंत्री ने शहरी विकास विभाग की ओर से महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए तैयार तीन वेब पोर्टल भी लांच किए। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति राज्य की सबसे बड़ी ताकत है। उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने में मातृशक्ति की अहम भूमिका है। कार्यक्रम में देहरादून के महापौर सौरभ थपलियाल समेत सभी नगर निगमों के महापौर, नगर पालिकाओं के अध्यक्ष समेत अन्य जनप्रतिनिधि शहरी विकास सचिव नितेश कुमार झा समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं
नगर निकायों के कार्यालय होंगे डिजिटल।
निकाय क्षेत्रों में बनेंगे रजत जयंती पार्क।
सभी निकायों में बनाए जाएंगे वेडिंग जोन।
टाइड फंड को अनटाइड करने को केंद्र से करेंगे अनुरोध।
प्रत्येक नगर निगम में 10, नगर पालिका में पांच व नगर पंचायत क्षेत्र तीन हाइटेक हेयर सेलून व पार्लर स्थापना को चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम।