दिल्ली | पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिला बस ड्राइवरों की नियुक्ति हेतु मानदंडों में ढील
सीएम अरविंद केजरीवाल के दूरदर्शी नेतृत्व में दिल्ली सरकार महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने व कार्यबल में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध: कैलाश गहलोत
नई दिल्ली । दिल्ली परिवहन विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए महिला चालकों के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के संचालन में बस चालक के रूप में आवेदन करने के मानदंडों में ढील दे दी है। महिलाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने, सार्वजनिक परिवहन और ड्राइविंग कार्यबल में उनकी भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से बस चालक के रूप में आवेदन करने के लिए महिलाओं की न्यूनतम ऊंचाई 159 सेमी से घटाकर 153 सेमी कर दी गई है।
इसके अलावा, भारी मोटर वाहन (एचएमवी) लाइसेंस जारी करने के बाद के अनुभव मानदंड को तीन साल से घटाकर एक महीने कर दिया गया है। सरकार महिला चालकों को एक महीने की अवधि के दौरान अपनी बसों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगी। अनिवार्य रूप से एक महीने का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन बेड़े में बस चालक के रूप में शामिल करने के लिए परीक्षण के दौर से गुजरना होगा। एक अन्य निर्णय में, दिल्ली सरकार ने अपने बुराड़ी चालक प्रशिक्षण संस्थान में उन महिला चालकों को एक महीने का मुफ्त प्रशिक्षण देने का भी प्रस्ताव किया है जो भारी मोटर वाहन लाइसेंस (एचएमवी) चाहती हैं। आगामी बजट 2022-23 में समर्पित सब्सिडी के माध्यम से महिलाओं को पूर्ण शुल्क माफी प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है।
दिल्ली सरकार हमेशा महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने और कार्यबल में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रही है। राज्य परिवहन सेवाओं के भीतर बस चालक के रूप में कार्यरत होने की इच्छा रखने वाली युवा महिलाओं के लिए ऊंचाई मानदंड लंबे समय से एक रुकावट का विषय रहा है। इस बाधा को दूर करने के उद्देश्य से परिवहन विभाग ने विभिन्न हितधारकों द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने के बाद दिसंबर 2020 में न्यूनतम ऊंचाई मानदंड को पहले ही घटाकर 159 सेमी कर दिया था। इससे पहले 2021 में भी दिल्ली सरकार ने 4261 नए ई-ऑटो रजिस्ट्रेशन में से 33 फीसदी विशेष रूप से महिला ड्राइवरों के लिए आरक्षित किए थे। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने और सुझाव देने के लिए विशेषज्ञों की एक विशेष समिति का गठन किया था।
यह महसूस किया गया कि वैश्विक मानकों के अनुरूप न्यूनतम ऊंचाई मानदंड को और कम करने और इसे 153 सेमी तक लाने की आवश्यकता है, ताकि अधिक महिलाएं बस चालक के रूप में आवेदन कर सकें। परिवहन विभाग के मार्गदर्शन में, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने अपनी सुविधा केंद्र में बस ड्राइविंग के परीक्षण के लिए 12 महिला ड्राइवरों और एचएमवी लाइसेंस धारकों को सक्रिय रूप से आमंत्रित किया है, जिनमें से 10 ने सफलता पूर्वक परीक्षा उत्तीर्ण की।
Delhi govt led by @ArvindKejriwal ji has taken many steps to encourage women's participation in all fields. I also thank Transport Commissioner @ashishkundra for swiftly implementing this. We promise to take all steps to make our roads & public transport more conducive for women https://t.co/dwH4QuLIdD
— Kailash Gahlot (@kgahlot) February 12, 2022
एक गैर सरकारी संगठन, आजाद फाउंडेशन, जो महिलाओं को पेशेवर ड्राइवर बनने के लिए प्रशिक्षण देकर रोजगार को बढ़ावा दे रहा है, उसने सुझाव दिया कि राज्य सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में महिलाएं बड़ी संख्या में ड्राइवर बनना चाहती हैं और इस निर्णय के परिणाम स्वरूप कम से कम हर वर्ष 15-20 महिलाएं पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ड्राइवर बन सकती हैं । 2019 में, महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने न्यूनतम ऊंचाई आवश्यकता को 153 सेमी तक कम करके अपने भर्ती मानदंडों में इसी तरह की छूट दी थी, जिसके परिणामस्वरूप 163 महिलाओं ने एमएसआरटीसी के साथ अपना बस ड्राइविंग प्रशिक्षण शुरू किया था ।उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) ने भी तीन साल के एचएमवी लाइसेंस अनुभव की आवश्यकता को माफ कर दिया। जिसके परिणाम स्वरूप 2021 में बस संचालन के लिए 19 महिला उम्मीदवारों का चयन हुआ।
"I feel like I am flying, when I sit on the driver’s seat”, says Pinky, commercial @SakhaConsulting driver with an HMV license. She needs your support in appealing Shri @kgahlot for an opportunity to drive a DTC or Electric bus.
Follow #InternationalWomensDay #DelhiRidesWithHer pic.twitter.com/YV8DunUWCd— Azad Foundation (@FoundationAzad) February 11, 2022
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आगे कहा, “सीएम अरविंद केजरीवाल के दूरदर्शी नेतृत्व में, दिल्ली सरकार महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने और जीवन के विभिन्न पहलुओं में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों से, अधिक महिलाओं को हमारे परिवहन कार्य बल में शामिल होने और दिल्ली के सभी नागरिकों के लिए एक सुरक्षित, सुलभ, स्मार्ट और टिकाऊ परिवहन सुनिश्चित करने के हमारे मिशन को गति प्रदान करने में मदद मिलेगी । सीसीटीवी निगरानी, पैनिक बटन, बस मार्शल, महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा और लाइव ट्रैकिंग जैसी हमारी पिछली पहलों के माध्यम से, हमने दिल्लीवासियों के लिए सुरक्षित और महिलाओं के अनुकूल परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित किया है। बस चालक के रूप में और अधिक महिलाओं के शामिल होने से इन प्रयासों को और मजबूती मिलेगी।”