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डैमेज कण्ट्रोल: ‘मोदी चालीसा व्यक्तिगत राय’

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भगवान की तर्ज पर मोदी चालीसा का विमोचन करना अनावश्यक है, और इसे कहीं न कहीं लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।

ख़ास बात:

  • मोदी चालीसा विवादों के घेरे में
  • मोदी चालीसा व्यक्तिगत राय: तीरथ सिंह रावत
  • शिक्षा मंत्री ने किया था मोदी चालीसा का विमोचन
  • मोदी चालीसा से धार्मिक भावनाएं होंगी आहत: कांग्रेस

पौड़ी: मोदी चालीसा विमोचन के बाद से ही लगातार प्रदेश में विवादों में रही है। इसका विमोचन होने के बाद ही कांग्रेस पार्टी ने मोदी चालीसा का विरोध करना शुरू कर दिया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भगवान की तर्ज पर मोदी चालीसा का विमोचन करना अनावश्यक है, और इसे कहीं न कहीं लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।

गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने मोदी चालीसा के सन्दर्भ में कहा कि यह किसी व्यक्ति की अपनी व्यक्तिगत राय है कि वह मोदी को भगवान की तर्ज पर पूजते हैं और उसी की तर्ज पर उन्होंने मोदी चालीसा लिखी। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से पूरा विश्व मोदी जी का अनुसरण करके कोरोना संक्रमण को हराने के लिए तत्पर है, वैसे ही इस व्यक्ति ने उनके लिए मोदी चालीसा लिखी है। इसमें किसी भी व्यक्ति को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। क्योंकि हर किसी व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार संविधान ने दिया है।

उन्होंने साफ किया कि मोदी चालीसा से भाजपा पार्टी का कोई भी लेना देना नहीं है। यह केवल उस व्यक्ति की अपनी राय है मगर तीरथ सिंह रावत ही भूल गए कि जब मोदी चालीसा का विमोचन हुआ था उस समय प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री घन सिंह रावत उस समय मौजूद थे और उन्होंने ही मोदी चालीसा का विमोचन भी किया था। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भाजपा कहीं ना कहीं भगवान के रूप में मोदी जी को भुनाना चाहती है, तो वहीं विपक्ष को बैठे बिठाये चालीसा के रूप में एक धारदार हथियार मिल गया है, जिसको विपक्ष भुनाने में कोई कसर नही छोड़ना चाहती।