कोविड केयर सेंटर बनेगा उत्तराखंड का ‘मनहूस’ मुख्यमंत्री आवास
मुख्यमंत्री का आवास कथित तौर पर मनहूस माना जाता है क्योंकि इसमें कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका
देहरादून। लगभग एक दशक पुराने और ‘मनहूस’ माने जाने वाले मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास को अब कोविड केयर सेंटर में बदलने की तैयारी चल रही है। इसकी घोषणा स्वयं मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संवाददाताओं से की और कहा कि वह अपने आधिकारिक आवास को संभावित तीसरी लहर के दौरान कोविड मरीजों के उपचार के लिए तैयार करवा रहे हैं। पहले से उपलब्ध अस्पतालों के अलावा डीआरडीओ की मदद से ऋषिकेश और हल्द्वानी दोनों जगहों पर 500-500 बिस्तरों के अस्पताल बनाए गए हैं।
एक दशक पहले बनकर तैयार हुआ कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास को यहां रहने वाले मुख्यमंत्रियों के लिए कथित तौर पर मनहूस माना जाता है क्योंकि इसमें रहने वाला कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका। विजय बहुगुणा से लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत तक यहां कोई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका और उसकी समय से पहले ही पद से विदाई हो गई। माना जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी यहां जाने में इसी कारण से परहेज किया लेकिन फिर भी वह चुनावों में हार गए और सत्ता में वापसी न कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारियों से एक-दो होटल ऐसी स्थिति में रखने को कहा गया है जिन्हें जरूरत पड़ने पर कोविड केयर केंद्रों में बदला जा सके।
रावत ने कहा कि कोराना की तीसरी लहर से प्रभावी रूप से निपटने के लिए हम कुछ भी करेंगे। मैं सीएम आवास को भी तीसरी लहर के दौरान कोविड मरीजों को रखने के लिए तैयार करवा रहा हूं। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार को तीसरी लहर के मद्देनजर तैयारियों में कथित कमी को लेकर फटकार लगाई थी। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान तथा न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा था कि क्या राज्य सरकार अपनी नींद से तभी जागेगी जब हमारे बच्चे तीसरी लहर में मरना शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री आवास को कोविड मरीजों के लिए तैयार करने के संबंध में पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री रावत स्वयं उस आवास में जाना नहीं चाहते हैं और इसलिए वह वहां कोविड मरीजों को रखना चाहते हैं।
सतीश मोरे/25जून