November 21, 2024

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अगले माह चरम पर होगी कोरोना की दूसरी लहर: एसबीआई रिपोर्ट

कोरोना की दूसरी लहर, रहेगी 100 दिनों तक, कुल मामले हो सकते हैं 25 लाख तक।

ख़ास बात 

  • अगले माह चरम पर होगी कोरोना की दूसरी लहर
  • अप्रैल-मई में 25 लाख केस आ सकते हैं
  • दूसरी लहर लगभग 100 दिनों तक रहेगी
  • महामारी के खिलाफ एक मात्र उम्मीद टीकाकरण से ही
  • स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन संक्रमण को रोक पाने में अप्रभावी दिख रहा

नई दिल्ली | भारत में फरवरी से लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इसके बाद से ही कोरोना की दूसरी लहर का डर सभी को सताने लगा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च टीम की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि कोरोना की दूसरी लहर लगभग 100 दिनों तक रहेगी। अगर 15 फरवरी से इसकी शुरुआत मानें, तो मई तक इसका असर रहेगा। 23 मार्च के ट्रेंड को आधार मानें, तो देश में दूसरी लहर से 25 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो सकते हैं।

कोरोना की दूसरी लहर के कुल मामले हो सकते हैं 25 लाख तक 

रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी की शुरुआत से देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही है। प्रतिदिन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 23 मार्च तक के रुझानों को देखें तो देश में कोरोना की दूसरी लहर के कुल मामले 25 लाख तक हो सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी लहर का चरम अप्रैल के दूसरे सप्ताह में देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन का कोई खास प्रभाव नहीं दिख रहा है और कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ बड़े पैमाने पर टीकाकरण ही इस लड़ाई में एक मात्र उम्मीद नजर आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्यों में यह दिख भी रहा है।

बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स गिरा

अपनी रिपोर्ट में एसबीआई ने आगे कहा है कि पिछले हफ्ते हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स के आधार पर बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स गिरा है। कई राज्यों द्वारा संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन और प्रतिबंध लगाने का असर अगले महीने से दिखना शुरू हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाना इस महामारी के खिलाफ जंग में एकमात्र विकल्प है।

बैंक ने कहा है कि प्रतिदिन 40 से 45 लाख लोगों के टीकाकरण की वर्तमान दर से 45 साल से ऊपर के लोगों की आबादी का संपूर्ण टीकाकरण चार महीने में खत्म होगा। बता दें कि देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 53,476 मामले सामने आए हैं, जोकि पिछले 5 महीनों में संक्रमण के मामलों में सबसे बड़ा इजाफा है।

देश में 700 से ज्यादा नए-नए वेरिएंट मौजूद

देश में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 53,476 नए मामले सामने आए हैं। लगभग पांच महीनों बाद ऐसी स्थिति आई है, जिसमें एक दिन में 50 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आये। आखिर इसकी वजह क्या है? खत्म होने की कगार पर पहुंची ये महामारी अचानक फिर से कैसे फैलने लगी? इसकी वजह से कोरोना वायरस में हो रहा म्यूटेशन और इससे पैदा होनेवाले नये वेरिएंट्स। भारत में कोरोना वायरस का एक डबल म्यूटेंट वेरिएंट यानी दोहरे बदलाव वाला वेरिएंट मिला है। महाराष्ट्र में इस स्ट्रेन के 206 और दिल्ली में 9 मामलों की पुष्टि हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक ये चिंताजनक बात है, क्योंकि वायरस का डबल म्यूटेशन हुआ, तो कोरोना से संक्रमित जो लोग ठीक हो गए हैं, उनमें दोबारा संक्रमण हो सकता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश के 18 राज्यों में वायरस के कई खतरनाक वेरिएंट पहले से ही मौजूद हैं। राज्यों से मिले नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग में 771 नए वैरिएंट्स मिले हैं। इनमें 736 ब्रिटेन के, 34 दक्षिण अफरीका के और एक ब्राज़ील का वैरिएंट है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक के मुताबिक जिन राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं, वहां अलग म्यूटेशन प्रोफाइल का पता चला है।

वायरस का यह वैरिएंट करीब 20 फीसदी नमूनों में पाया गया और पहले की किस्मों से मेल नहीं खाता। सबसे चिंताजनक बात ये है कि ये वेरिएंट शरीर के इम्यून सिस्टम से बचकर संक्रामकता को बढ़ाता है। इसके अलावा कोरोना के साउथ अफ्रीकन वेरिएंट पर कोविशिल्ड वैक्सीन का असर नहीं हो रहा है। इसके खिलाफ सिर्फ कोवैक्सिन असरदार साबित हुआ है।

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