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गाजियाबाद की कंपनी और पर्यटन विभाग का शिकार हुआ ठेकेदार

धाम को सजाने संवारने वाला सख्स आज दर-दर की ठोकरें खा रहा है

रुद्रप्रयाग | खबर रुद्रप्रयाग जिले से है जहां एक स्थानीय ठेकेदार, पर्यटन विभाग और गाजियाबाद की एक कंपनी के धोखे का शिकार हुआ है| इन दिनों जब कभी आप उत्तर के क्रौंच पर्वत पर स्थित कार्तिक स्वामी के धाम जायेंगे तो यहाँ हुये पुनर्निर्माण कार्यो की तस्वीरें आपको भी गदगद कर देगी लेकिन इस धाम में हुए ऐतिहासिक कार्य करने वाले, धाम को सजाने संवारने वाला सख्स आज दर-दर की ठोकरें खा रहा है। यहाँ कार्य करने के बाद इन्हें लाखों रुपए का चूना लगा है। पेटी कांट्रेक्टर के रूप में गाजियाबाद की एक कंपनी ने इन्हें लाखों की चपत लगाई है।

दरअसल वर्ष 2019 में उत्तराखंड टूरिस्ट पर्यटन विभाग द्वारा कार्तिक स्वामी धाम के सौन्दर्यीकरण के लिए टेंडर निकाले गए थे, जिसका कार्य गाजियाबाद की स्काई इंटरनेशनल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया। कार्तिक स्वामी धाम में उस वक्त न तो पानी की व्यवस्था थी और न सड़क की सुविधा। ऐसे में यहां किसी भी तरह का पुनर्निर्माण कार्य करना आसान नहीं था खास तौर पर बाहर की किसी भी कंपनी के लिए यह और भी चुनौतीपूर्ण था। कंपनी ने स्थानीय ठेकेदार शूरवीर सिंह खत्री को पेटी कॉन्टैक्टर के रूप में यह कार्य सौंपा।

कार्तिक स्वामी क्षेत्र के होने के साथ-साथ सुरवीर सिंह खत्री की भगवान कार्तिक स्वामी से आघात आस्था थी इसलिए उन्होंने पूरी शिद्दत और ईमानदारी से यहां करीब 1 करोड 63 लाख का कार्य किया। 2020 में जब पूरी दुनिया कोविड कारण घरों में कैद थी तो सूरवीर खत्री यहाँ कार्य कर रहे थे। यही कारण है कि जब भी कोई भक्त कार्तिक स्वामी धाम जाता है तो इनके कार्यों की सराहना किए बगैर नहीं थकता है।

जबकि जिस कंपनी को यह कार्य दिया गया था वह कंपनी कभी यहां आई ही नहीं। लेकिन इंटरनेशनल कंपनी व उत्तराखंड टूरिज्म पर्यटन विभाग द्वारा शूरवीर सिंह खत्री को धोखे में रखकर इन्हें पूरा पेमेंट किए बगैर ही विश्वास में लेकर कार्य को मंदिर समिति के हैंड ओवर कर दिया गया और करीब 1 साल गुजर जाने के बाद भी इन्हें इनका पूरा भुगतान यानी कि करीब 42 लाख रुपए की धनराशि नहीं दी गई

उत्तराखंड टूरिज्म पर्यटन विभाग द्वारा जिस कंपनी को यह कार्य सौंपा गया था उस कंपनी द्वारा विभाग से पूरी धनराशि प्राप्त कर दी गई है लेकिन धरातल पर कार्य करने वाले स्थानीय ठेकेदार शूरवीर सिंह खत्री जहां भारी कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं वहीं अब उनका घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रखा है। पेटी कांट्रेक्टर होने के कारण विभाग के कागजों में कहीं भी इनका उल्लेख नहीं है ऐसे में जिलाधिकारी से लेकर विधायकों तक उन्होंने न्याय की गुहार लगा दी है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।