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कोराना के नए स्वरुप डेल्‍टाक्रोन स्‍ट्रेन से उभरी चिंता

यूके में डेल्‍टा और ओमीक्रोन वेरिएंट के कॉम्बिनेशन से बना डेल्‍टाक्रोन स्‍ट्रेन नई चिंता के रूप में उभरा है।
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  • कोरोनाकोराना के नए स्वरुप डेल्‍टाक्रोन स्‍ट्रेन से उभरी चिंता
  • डेल्‍टा और ओमीक्रोन का है हाइब्रिड वेरिएंट

नई दिल्ली । यूके (ब्रिटेन) में डेल्‍टा और ओमीक्रोन वेरिएंट के कॉम्बिनेशन से बना डेल्‍टाक्रोन स्‍ट्रेन नई चिंता के रूप में उभरा है। एक्‍सपर्ट्स कह रहे हैं कि नए वेरिएंट्स से घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना के मौजूदा हाल को देखते हुए केंद्र से जुड़े नामी साइंटिस्ट ने कहा है कि महानगरों में इस महामारी की तीसरी लहर खत्म होती दिख रही है। आने वाले महीने शांतिपूर्ण होने चाहिए।

सीएसआईआर से जुड़े इंस्टिट्यूट ऑफ जीनोमिक्स ऐंड इंटिग्रेटेड बॉयलॉजी के डायरेक्टर अनुराग अग्रवाल ने कहा कि अगर वायरस के रूप में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता तो मामलों में उछाल की कोई वजह नजर नहीं आती है। भारत के नजरिये से देखें तो वायरस में बड़े बदलाव के आसार कम ही हैं। ऐसे में गंभीर रूप लेने के आसार भी कम हैं। लेकिन हमें कोरोना से बचाव की सभी सावधानियों का पालन करते रहना होगा, क्योंकि यह वायरस कभी भी चकमा दे सकता है। केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे कोरोना की रोकथाम के लिए लगाए गए प्रतिबंधों पर फिर से विचार करें। अगर जरूरत हो तो पाबंदियों में ढील दें, उन्हें कम करें या खत्म करें।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को इस बारे में खत लिखा है। इसमें कहा गया है कि देशभर में कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है। ऐसे में राज्यों को प्रतिबंधों की समीक्षा करने के साथ ही, उनमें संशोधन करना चाहिए। स्वास्थ्य सचिव ने अपनी चिट्ठी में देश और दुनिया में कोरोना के प्रसार में कमी का जिक्र किया। उन्होंने लिखा – इसी कारण से स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नए नियम लागू किए हैं और उनके लिए अनिवार्य क्वारंटीन को खत्म किया। इसी तरह राज्य भी उपयुक्त कदम उठाएं।

उन्होंने याद दिलाया कि साल के शुरुआती महीनों में कोरोना की तेज रफ्तार को देखते हुए कई राज्यों ने अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए थे। आज जब महामारी की रफ्तार कम हो रही है तो यह ध्यान रखना जरूरी है कि राज्यों में लोगों की आवाजाही और आर्थिक गतिविधियों में रुकावट न आए।

हालांकि कोरोना की स्थिति को लगातार मॉनिटर भी करते रहें। रोजाना आने वाले मामलों और इन्फेक्शन रेट पर नजर रखना जरूरी है। इसके लिए टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीट, वैक्सिनेशन और बचाव के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। बता दें केंद्र ने महामारी के कमजोर पड़ने के साथ ही राज्‍यों से कह दिया है कि वे पाबंदियों में ढील देना शुरू करें। हरियाणा ने कोरोना से जुड़ी सभी पाबंदियां हटा ली हैं। राजस्‍थान भी पूरी तरह से अनलॉक हो चुका है। उत्तराखंड सरकार ने नाइट कर्फ्यू खत्‍म कर दिया है और दिल्‍ली में भी अगले हफ्ते और राहत मिलने के आसार हैं।

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