कनाडा सरकार का नया इमिग्रेशन प्लान भारतीयों को आसानी से देगा नागरिकता
ओटावा । कनाडा में बसने का सपना देख रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। कनाडा सरकार ने अपनी आप्रवासन स्तर योजना 2022-2024 की घोषणा की। इसमें कनाडा सरकार ने इमिग्रेशन टारगेट को बढ़ा दिया है। ऐसा कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने और श्रमिकों की हो रही भारी कमी की पूर्ति के लिए किया गया है। कनाडा का इरादा अगले तीन सालों में करीब 13 लाख आप्रवासियों को अपने यहां बुलाने का है। यह उसकी 2024 में होने वाली कुल जनसंख्या का 1.14 फीसदी होगा।
2015 तक कनाडा में हर वर्ष करीब ढाई लाख आप्रवासी आते थे।कनाडा सरकार ने 2016 में कोटे को बढ़ाकर 3 लाख कर दिया।कोरोना आने से पहले 3 लाख 40 हजार आप्रवासियों को कनाडा आने की इजाजत सरकार ने दी थी, परंतु 2020 में कोरोना के कारण यह संख्या 2 लाख से भी कम रह गई।वर्ष 2021 में कनाडा में 405,000 से ज्यादा लोगों को अपने यहां स्थायी नागरिकता दी।यह एक वर्ष में कनाडा द्वारा अब तक दी गई सबसे ज्यादा नागरिकता थी।कोरोना के कारण कनाडा में करीब 1.8 मिलियन वीजा या नागरिकता आवेदन पेंडिंग पड़े हैं।
कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री शॉन फ्रेजर ने कहा कि 2022-2024 इमिग्रेशन लेवल प्लान देश को विश्व में सर्वश्रेष्ठ टेलेंट डेस्टिनेशन बनाने,महामारी के बाद मजबूत आर्थिक विकास की नींव रखने में,तब मदद करेगा ही, साथ यह परिवारों का मिलन भी कराएगा और कनाडा की मानवता के प्रति प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सहायक होगा। कनाडा में 2022 में करीब 56 फीसदी आप्रवासी एक्सप्रेस एंट्री, द प्राविंसियल नॉमिनी प्रोग्राम और टैम्परेरी टू परमानेंट रेजीडेंस स्ट्रीम जैसे इकोनॉमिक क्लास पाथवे के सहारे आए हैं। शॉन फ्रेजर का कहना है कि कनाडा में आने वाले आप्रवासियों का देश की तरक्की में बहुत बड़ा योगदान है।आज जो कनाडा है, वहां उन्हीं की बदौलत है।
फ्रेजर का कहना है कि कृषि, मत्स्य पालन, विनिर्माण, स्वास्थ्य और परिवहन क्षेत्र में कनाडा आप्रवासियों पर ही निर्भर है।अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास सरकार कर रही है और ये प्रयास आप्रवासियों की सहायता से ही पूरे हो सकते हैं।फ्रेजर ने कहा कि हमारा इमिग्रेशन लेवल प्लान कनाडा की तरक्की और जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।