Joshimath के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास को भूमि की दरें तय करेगी कैबिनेट, 1200 परिवारों को होना है शिफ्ट
भूधंसाव की आपदा झेल रहे जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास में फिलहाल पेच फंसा हुआ है। वित्त विभाग की ओर से भूमि की दरों को लेकर जताई गई आपत्ति के बाद अब आपदा प्रबंधन विभाग ने वित्त से ही राय मांगी है। इसके पश्चात आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए भूमि की दरें तय करने के सिलसिले में प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। जोशीमठ के लगभग 1200 परिवारों का पुनर्वास होना है। प्रथम चरण में इसके लिए गौचर के समीप बमोथ में 11 एकड़ भूमि फाइनल की गई है।
गत वर्ष चार जनवरी से भूधंसाव का क्रम तेज हुआ
चमोली जिले में बदरीनाथ धाम की यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव जोशीमठ शहर के बड़े हिस्से में गत वर्ष चार जनवरी से भूधंसाव का क्रम तेज हुआ। वहां बड़ी संख्या में घरों के साथ ही सड़कों व अन्य भूमि पर दरारें आने से लोगों का भयभीत होना स्वाभाविक था। यद्यपि, सरकार की ओर से तत्काल ही कदम उठाए गए और प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया। यही नहीं, जोशीमठ में आई इस आपदा के दृष्टिगत देश की नामी नौ एजेंसियों से जांच कराई गई। इसके बाद केंद्र सरकार ने जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र के उपचार और आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए 1800 करोड़ की योजना को मंजूरी दी। इसी क्रम में आपदा प्रभावितों का पुनर्वास किया जाना है। इस बीच भूमि की दरों को लेकर वित्त विभाग ने आपत्ति जताई। सूत्रों के अनुसार वित्त विभाग का कहना था कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए केदारनाथ, बदरीनाथ समेत अन्य स्थानों पर अलग-अलग दरें निर्धारित की गई हैं।
ऐसे मामलों के लिए समान दरें क्यों नहीं निर्धारित कर दी जातीं। यद्यपि, आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से वित्त विभाग को अवगत कराया गया कि तात्कालिक परिस्थितियों को देखते हुए पूर्व में दरों का निर्धारण किया गया। साथ ही वित्त विभाग से इस संबंध में अपनी स्पष्ट राय देने का आग्रह किया गया।
शासन में आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों के अनुसार वित्त विभाग की राय की प्रतीक्षा की जा रही है। इसके पश्चात जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए भूमि की दरें तय करने संबंधी प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट को भेजा जाएगा। कैबिनेट ही इस पर निर्णय लेगी। इसके पश्चात प्रभावितों के पुनर्वास की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।