सौंग बांध प्रोजेक्ट में पुनर्वास एवं विस्थापन नीति को कैबिनेट की मिली मंजूरी
सौंग बांध परियोजना निर्माण की दिशा में सरकार एक कदम और आगे बढ़ी है। सोमवार को हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक में इस बहु उद्देश्यीय परियोजना की पुनर्वास एवं पुनर्विस्थापन की नीति-2022 को मंजूरी दी गई है।
देहरादून जिले में करीब 2021 करोड़ रुपये की प्रस्तावित सौंग बांध पेयजल परियोजना दून के भविष्य की पेयजल आपूर्ति के लिहाज से अति महत्वपूर्ण परियोजना है। परियोजना के निर्माण से देहरादून शहर एवं उपनगरीय क्षेत्रों के लिए 150 एमएलडी (1.75 क्यूमेक) पेयजल की आपूर्ति की जा सकेगी।
इस परियोजना के तहत देहरादून के एक गांव और टिहरी जिले के चार गांवों का पुनर्विस्थापन किया जाना है। कुल पांच गांवों के प्रभावित खातेदारों की संख्या 147 है, जबकि कुल परिवारों की संख्या 275 है, जिनका पुनर्वास का कार्य पुनर्वास एवं पुनर्विस्थापन नीति- 2022 के अनुसार किया जाएगा।
बांध के निर्माण के बाद जहां भू-जल का दोहन कम होगा, वहीं बांध में एकत्रित जल से भूमिगत जल स्तर में भी वृद्धि होगी। परियोजना के निर्माण से भविष्य में 10 लाख की आबादी को 150 एमएलडी पेयजल की आपूर्ति की जा सकेगी।
कुछ समय पहले ही केंद्रीय जल आयोग ने इसके डिजाइन को मंजूरी दी थी। मूल रूप से सौंग नदी पर बनने वाले इस बांध की ऊंचाई करीब 148 मीटर है और इससे छह मेगावाट तक की बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। देहरादून में सौंधाना गांव के समीप प्रस्तावित यह परियोजना प्रदेश सरकार की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है।