November 21, 2024

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

 उत्तराखंड सरकार की बड़ी सौगात

100 यूनिट तक बिजली फ्री, 200 यूनिट तक बिजली बिल पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी

हरिद्वार। राज्य में आम लोगों को 100 यूनिट तक बिजली फ्री मिलेगी। 200 यूनिट तक बिजली बिल पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। इसके लिए जल्द कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। ये घोषणा ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने पहली समीक्षा बैठक में की। ऊर्जा भवन में बुधवार को समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य में 26 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इसमें 23 लाख आम घरेलू उपभोक्ता है। यदि प्रतिमाह 100 यूनिट तक बिजली फ्री दी जाती है, तो सात लाख के करीब उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। 200 यूनिट तक 50 प्रतिशत सब्सिडी देने पर 13 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। इस तरह राज्य की एक बड़ी आबादी को सरकार की ओर से राहत दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। इसके साथ ही कोरोना के कारण लेट भुगतान करने वालों से भी सरचार्ज नहीं वसूला जाएगा। इसके लिए सरकार 31 अक्तूबर तक सरचार्ज माफ करेगी। इसके लिए भी आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। ताकि कोरोना से जूझ रहे लोगों को राहत मिल सके। बड़े शहरों में बिजली लाइन होंगी अंडरग्राउंड ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य के बड़े शहरों में बिजली लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। जिस तरह हरिद्वार कुंभ क्षेत्र की लाइनों को अंडरग्राउंड किया गया है। उसी तरह देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर, नैनीताल शहर में लाइनें अंडरग्राउंड होंगी। इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार किए जाएंगे।

कर्मचारियों के ढांचे का होगा पुनर्गठन ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आज यूपीसीएल के ऊपर काम का दबाव है। उस लिहाज से मैन पॉवर नहीं है। स्वीकृत ढांचे में भी चार हजार पद खाली हैं। जल्द यूपीसीएल के ढांचे का पुनर्गठन किया जाएगा। कर्मचारियों के पदों को बढ़ाया जाएगा। ताकि प्रमोशन के मौके भी बढ़ सकें। मंत्री ने कहा कि एक महीने के भीतर ऊर्जा निगम में भर्ती अभियान चलेगा। खाली पदों को भरा जाएगा। जहां ज्यादा और जल्द जरूरत होगी, उन पदों को उपनल, आउटसोर्स के जरिए भरा जाएगा।

उन्होंने कहा कि जनता को जो फ्री बिजली दी जाएगी, उसके लिए सरकार पर दबाव नहीं बढ़ने दिया जाएगा। बल्कि शत प्रतिशत वसूली करने के साथ ही लाइन लॉस को खत्म किया जाएगा। सभी बड़े बकाएदारों से वसूली की जाएगी। ताकि सरकार के ऊपर किसी तरह का वित्तीय भार न पड़े।