उत्तराखंड में नकली दवाओं के कारोबार में बड़े गिरोह का भंडाफोड़, एक्शन मोड में STF की टीम

नकली दवाओं का नेटवर्क ध्वस्त करने को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से जारी आदेश के बाद उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। एसटीएफ नकली दवाओं के कारोबार में जुड़े आरोपितों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई कर रही है। अब तक 12 आरोपितों को जेल भेजा गया है। इनमें पांच आरोपित दवा कंपनियों के मालिक व प्लांट संचालक भी शामिल हैं। इसी बीच एसटीएफ को इनपुट मिले हैं कि एक अन्य गिरोह भी नकली दवाओं के कारोबार में संलिप्त है। इस मामले में एसटीएफ अलग से मुकदमा दर्ज कर आरोपितों की धरपकड़ शुरू करेगी। उत्तराखंड में लंबे समय से नकली दवाओं का कारोबार चल रहा है। लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले यह आरोपित ब्रांडेड दवा कंपनियों के नाम पर नकली दवा बनाकर बाजार में बेच रहे हैं। एसटीएफ ने एक जून 2025 को प्रतिष्ठित दवा कंपनियों के नकली रैपर व नकली आउटर बाक्स, लेबल एवं क्यूआर कोड बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सेलाकुई से आरोपित संतोष कुमार को गिरफ्तार किया था। इस मामले में सेलाकुई थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। एसटीएफ अब तक गिरोह में शामिल आरोपित संतोष कुमार, नवीन बंसल, आदित्य काला, देवी दयाल गुप्ता, पंकज शर्मा, विजय कुमार पांडेय, प्रदीप गौड़, शिशिर सिंह, शैलेंद्र सिंह, तेजेंद्र कौर, प्रदीप कुमार व उसकी पत्नी श्रुति डावर को गिरफ्तार कर चुकी है।
उत्तराखंड सहित कई राज्यों में फैला है नेटवर्क
नकली दवाओं का कारोबार उत्तराखंड ही नहीं उत्तर प्रदेश, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश तक फैला हुआ है। आरोपित कहीं दवा तो कहीं रेपर तैयार करते हैं। इसके बाद इन नकली दवाओं को बाजार में उतारा जाता है। 12 आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद दूसरे गिरोह के सक्रिय होने के इनपुट एसटीएफ को मिले हैं। ऐसे में इन आरोपितों की धरपकड़ के लिए भी एसटीएफ रणनीति बना रही है।
नकली दवा तैयार करने वाले आरोपितों की धरपकड़ के लिए एसटीएफ की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। अब तक 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कुछ अन्य आरोपितों के बारे में इनपुट मिले हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी। -नवनीत भुल्लर, एसएसपी, एसटीएफ।