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बारिश ने खोली ग्राम प्रधान के विकास कार्यों की पोल

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देखना होगा कि ये छोटे-छोटे विकास के कार्य कितनी बड़ी चुनौती बन कर उठते हैं ग्रामीणों के लिए, प्रधान के लिए या अधिकारियों के लिए?

भगवानपुर: आज हम बात करेंगे भगवानपुर विकास खण्ड के डाडा जलालपुर गाँव की जहाँ  विकास अधिकारियों  की कलम तक ही सिमट कर रह गया है। गुरूवार रात को हुई बारिश ने गाँव में हुए विकास कार्य की पोल-पट्टी तब खोल दी जब बारिश का पानी सही निकासी न होने के कारण ग्रामीणों के घरों में जा घुसा। लेकिन कहानी इतनी सी नहीं है…ये खबर आप पूरी देखिये और देखिये कि कैसे छोटे छोटे विकास कार्यों के लिए भी लोगों को परेशान होना पड़ता है

ग्रामीणों का कहना है कि अगर ग्राम प्रधान समय के रहते नालियों की सफाई करा देतीं तो आज हम लोगों को भारी नुकसान का सामना न करना पड़ता। ग्रामीणों का सीधे सीधे ग्राम प्रधान पर लापरवाही का आरोप है जिसका खामियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है।

इस मामले की जड़ में जो दूसरा पहलू उभर कर आ रहा है वो ये कि ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामप्रधान का पति ही योजनाओं के काम देखता है।और ऊपर से प्रधानपति भगवानपुर विद्युत विभाग में कार्य भी करता है जिसके चलते गांव के विकास कार्य रफ़्तार नहीं पकड़ पाते। प्रधान के रूप में महिलाओं को सरकार की ओर से देश के विकास में भागीदारी का मौका दिया गया, लेकिन शायद अभी समाज में इस बदलाव को कुछ और दिन लगेंगे जज़्ब होने में।

इस बाबत प्रधान के पति पवन कुमार ने सभी समस्याओं का ठीकरा सीधा-सीधा अधिकारियों के सर पर फोड़ दिया। उनका कहना है कि कई बार विभागीय अधिकारियों को इसकी सूचना देने के बावजूद अधिकारी सुनने तैयार नहीं हैं।

अब देखने वाली बात ये होगी कि ग्रामीणों की समस्या की असल ज़िम्मेदारी कौन तय करेगा? क्या प्रधान अपनी ज़िम्मेदारी से भाग रही हैं? क्या प्रधान के पति होने के नाते ये ज़िम्मेदारी प्रधान के पति की थी जिसे वो पूरा नहीं कर पाए? या फिर इसका इलज़ाम नींद में लिप्त विभागीय अधिकारियों पर जाता है जिनकी कलम विकास के लिए नहीं चल पा रही?

देखना होगा कि ये छोटे-छोटे विकास के कार्य कितनी बड़ी चुनौती बन कर उठते हैं ग्रामीणों के लिए, प्रधान के लिए या अधिकारियों के लिए?