November 22, 2024

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

बद्रीनाथ में साधक | हाड़ कंपाने वाली ठंड भी जिनके लिए नहीं तप में बाधा

प्रशासन की अनुमति के बाद शीतकाल में भी साधना औऱ तप करने के लिए खुले आसमान के नीचे बर्फ के बीच रहकर तप करेंगे 16 साधु।

 

चमोली | भू-बैकुण्ठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं। पूरा बदरीनाथ धाम सफ़ेद बर्फ़ कि चादर ओढ़े हुए है लेकिन इस अवधि में भी दर्जनों साधु-महात्मा विश्व जन कल्याण हेतु बदरी धाम में रहकर ही साधनारत रहेंगे। तहसील प्रशासन के सूत्रों के अनुसार बदरीनाथ धाम में इस बार शीत काल हेतु करीब डेढ़ दर्ज़न आवेदनों में फिलहाल 15 साधुओं समेत 2 अन्य स्थानीय लोगों ने शीतकाल के दौरान बदरीनाथ में रहने की अनुमति जिला प्रशासन से ली है। हालांकि, अभी यह संख्या बढ़ सकती है।

शीतकाल में भारी हिमपात के कारण बदरीनाथ धाम मे हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ती है। बावजूद इसके कई साधु-महात्मा जिला प्रशासन की अनुमति के बाद इस अवधि में भी साधना औऱ तप करने के लिए वहीं डेरा डाले रहते हैं। कई साधु तो खुले आसमान के नीचे बर्फ के बीच रहकर ही तप करते हैं।

बदरीनाथ धाम में बीते एक दशक से तप करने वाले बर्फानी बाबा अमृतानन्द गिरी का कहना है कि शीतकाल के दौरान धाम में नि:शब्द शांति रहती है, जिससे तप में विघ्न नहीं पड़ता।

वही कपाट बंद होने के बाद अब बदरीनाथ धाम की सुरक्षा का जिम्मा चमोली पुलिस ने सम्भाल लिया है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था चमोली पुलिस के जिम्मे है। वहीं देश के अंतिम गांव माणा में बॉर्डर की सुरक्षा हेतु आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) व सेना के जवान मौजूद हैं।