उत्तराखण्ड में हुई सभी हेली दुर्घटनाओं का होगा ऑडिट, सीएम धामी ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में हुई सभी हेली दुर्घटनाओं का ऑडिट करने के निर्देश दिए हैं। इनमें गत वर्षों में हुई हेली दुर्घटनाएं भी शामिल हैं। उन्होंने उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवेलपमेंट अथारिटी (यूकाडा) को राज्य में अगले 10 वर्ष की हेली सेवाओं की कार्ययोजना बनाने और भविष्य में केवल डबल इंजन हेलीकाप्टर संचालन के लिए ठोस नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन एवं चारधाम राज्य होने के कारण हेली सेवाओं की मांग बढ़ने वाली है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भविष्य में हेली सेवाएं राज्य का आधार होंगी। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में राज्य में सेवाएं दे रहे सभी हेलीकाप्टर कंपनियों के प्रतिनिधि, यूकाडा, हेलीकाप्टर इंस्पेक्शन बाडी और डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन के साथ प्रदेश की हेली सेवाओं की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि हेली सेवाओं के सुरक्षा मानकों में किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए। राज्य के नोडल के रूप में यात्रियों की सुरक्षा यूकाडा का सबसे बड़ा दायित्व है। उन्होंने हेलीकाप्टर की नियमित फिटनेस जांच का सख्ती से पालन, हेलीकाप्टर बुकिंग के लिए ठोस व प्रभावी मानक संचालन प्रक्रिया बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मौसम के कारण हेली सेवाओं में बाधा, मौसम की सटीक जानकारी एवं सुरक्षा के दृष्टिगत केदार घाटी के साथ ही अन्य सभी धामों की घाटियों में कैमरा लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यूकाडा एवं संबंधित हितधारकों को वैष्णो देवी में संचालित हेली सर्विस माडल का अध्ययन करने और अनुभवी पायलेट को ही हेली सेवा में रखने के निर्देश दिए हैं। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु व आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव सचिन कुर्वे व अपर सचिव सोनिका भी उपस्थित थीं।