यूपी में जीका वायरस से संक्रमित पाया गया वायुसेना अफसर, संपर्क में आने वाले 22 लोगों के सैंपल लिए
नई दिल्ली| पिछले दो सालों में कोरोना वायरस संक्रमण ने सबके मन में वायरस को लेकर डर का भाव पैदा कर दिया है। केरल में इस साल की शुरुआत में जीका वायरस के 14 मामले सामने आए। यूपी में भारतीय वायुसेना का एक वारंट ऑफिसर जीका वायरस से संक्रमित पाया गया है। भारतीय वायुसेना के अधिकारी का अस्पताल में इलाज चल रहा है. उनके संपर्क में आए 22 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जीका वायरस संक्रमण से व्याप्त खतरे को देखते हैं राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है। वहीं कई सारी अन्य टीमों को जिलों में वायरस संक्रमण को चेक करने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि जीका वायरस, कोरोना वायरस की तरह जानलेवा नहीं है, लेकिन इसके संक्रमण से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है।
जीका वायरस का पहला मामला 1947 में यूगांडा में बंदरों में पाया गया था। लेकिन, इंसानों में पहला केस 1952 में मिला था। यह वायरस संक्रमित मच्छरों के जरिए इंसानों में फैलता है। लेकिन, अच्छी बात यह है कि जीका वायरस सभी मच्छरों से नहीं फैलता और न संक्रमित मच्छरों के काटने से हर व्यक्ति वायरस संक्रमित हो सकता है। जीका वायरस का खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों को होता है, जो जीका वायरस संक्रमण वाले इलाकों की यात्रा करते हैं।
जीका वायरस मुख्यत एडीज प्रजाति के संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। एक इंसान से दूसरे इंसान में जीका वायरस संक्रमण फैलने का खतरा तब होता है, जब दो लोग शारीरिक संबंध बनाएं। अगर पार्टनर संक्रमित है, जीका वायरस फैल सकता है। जीका वायरस संक्रमित गर्भवती महिला से उसके बच्चे को फैल सकता है। जीका वायरस के केस में फ्लू जैसा बुखार हो सकता है। रैशेज, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कंजक्शनवाइटिस और आंख लाल हो सकती है।
अनिरुद्ध/ईएमएस 26 अक्टूबर 2021