देहरादून ऑब-गाइन सोसाइटी द्वारा मनाया गया ‘किशोर स्वास्थ्य सप्ताह’
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देहरादून | फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (FOGSI) के तत्वावधान में देहरादून ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी (GODS) किशोर स्वास्थ्य सप्ताह मना रही है। कार्यक्रम के अंतर्गत किशोरावस्था के दौरान विभिन्न स्वास्थ्य सम्बन्धी विषयों पर जागरुकता बढ़ाने के लिए सोसायटी ने दृष्टि फाउंडेशन और रोटरी ई-क्लब के सहयोग से राजधानी देहरादून के राजपुर रोड स्थित शासकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए स्वास्थ्य एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया।
कार्यक्रम के समन्वयक नीलू खन्ना और ध्रुव जुयाल ने बताया कि – “शिविर में बच्चों की एनीमिया व आंखों की जांच की। डॉक्टरों की एक कुशल टीम द्वारा 120 से अधिक बच्चों की जांच की गयी।”
बढ़ती युवा उम्र की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ आरती लूथरा ने कहा – “किशोरावस्था जीवन का वह चरण है जो व्यक्ति के स्वास्थ्य की नींव रखता है। यह वह समय है जब मानव शरीर में प्रमुख शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, मानसिक और व्यवहारिक परिवर्तन होते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने बच्चों से इन परिवर्तनों के बारे में बात करें और इस उम्र की चुनौतियों के लिए बच्चों को तैयार करें।”
सोसायटी द्वारा छात्राओं के लिए एक ज्ञानवर्धक वार्ता का भी आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
संस्था की सचिव डॉ राधिका रतूड़ी ने बताया कि “किशोरावस्था जीवन में सबसे अच्छे दिन माने जाते हैं। ये उम्र बहुत महत्वपूर्ण भी है क्योंकि यही वो दौर है जब हमारे शरीर में हो रहे अहम् बदलाव हमें वयस्कता की ओर ले जाते हैं। इस आयोजन का उद्देश्य किशोरावस्था में होने वाले इन्हीं बदलावों व कैसे इन बदलावों के साथ सरलता से आगे बढ़ा जाए, इस पर जागरुकता फैलाना था।”
कार्यक्रम में डॉ आशा रावल, डॉ अनु धीर, डॉ सविता लूथरा, डॉ ज्योति शर्मा, डॉ अर्चना लूथरा, डॉ रेखा श्रीवास्तव, डॉ सुनीति सिकन्द, डॉ गौरव लूथरा एवं डॉ मीनल पाटिल के साथ दृष्टि फाउंडेशन और रोटरी ई-क्लब ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। रोटरी ई-क्लब के अध्यक्ष गौरव सेठी और पूर्व रोटरी अध्यक्ष हरिंदर सिंह जुनेजा ने लक्ष्यों को प्राप्त करने और सकारात्मक बने रहने पर अपने विचार सांझा किए।
आसरा ट्रस्ट देहरादून में काम करने वाला एक एनजीओ है जो शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और विभिन्न अन्य माध्यमों से बेसहारा बच्चों को सशक्त बनाने की दिशा में काम करता है।