मुंबई के एक युवा सुलझाएंगे वायु प्रदूषण की मुश्किल!
मुंबई । वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने स्मॉग टॉवर जैसे कई उपाय किए हैं, लेकिन इनके परिणाम मिलने में कुछ समय लगेगा। अब जब हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, तो मुंबई के एक 23 वर्षीय युवा अंगद दरियानी ने इससे निपटने का तरीका निकाल लिया है। अंगद जब अमेरिका की जॉर्जिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे, तो उन्हें अहसास हुआ कि गंदी हवा की परेशानी सुलझाना आसान नहीं है।
देश के हालात को देखते हुए ही उन्हें स्टार्टअप ‘प्राण’ का आईडिया आया। उन्होंने बताया कि भारत में हवा की परेशानी का ऐसा उपाय खोजना होगा, जिसे आसानी से दोहराया जा सके और लागत भी कम आए। इसके लिए तकनीक को फिल्टरलैस यानि बगैर फिल्टर के होना जरूरी है। सिलकॉन वैली की अलग-अलग कंपनियों में काम कर रहे 70 इंजीनियर्स और दुनिया के 70 शहरों में रहने वाले खोजकर्ताओं की मदद से प्राण ने प्रोडक्ट तैयार किया, जिसे एमके-1 कहा गया। यह प्रोडक्ट बुनियादी स्तर पर हवा प्रदूषण से मुकाबला करता है।
एमके-1 के साथ प्राण का मकसद स्कूलों, गार्डन, होटलों, शॉपिंग मॉल और अन्य जगहों पर हाइपर लोकल जोन तैयार करना था। उन्होंने बताया कि हमारा मकसद एक इलाके या जोन को शुद्ध करने का था। अंगद ने इस बात पर जोर दिया कि तकनीक में तुरंत प्रभाव, वातावरण से सभी तरह के कणों को पकड़ने और फिल्टरलैस होने पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने बताया कि फिल्टर हवा में तैर रहे प्रदूषण करने वाले कणों को पकड़ता है। इसका निर्माण महाराष्ट्र और गुजरात में हुआ है। इसकी लागत दिल्ली के स्मॉग टॉवर का 1/1400वां हिस्सा है।