मानवता और दिलेरी की मिसाल – पौड़ी के कांता भाई
पौड़ी: आज भारतीय रेडक्रॉस समिति के तत्वाधान में ‘विश्व रक्तदाता दिवस’ के अवसर पर जिला चिकित्सालय, पौड़ी में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। आपने वो शेर तो ज़रूर सुना होगा कि कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस रक्तदान शिविर में एक ऐसा शख्स भी शामिल हुआ जिस पर ये शेर बिलकुल सटीक बैठता है।
विश्व रक्तदाता दिवस पर एक अनोखा नज़ारा देखने को तब मिला जब कांता भाई के नाम से पौड़ी में जाने जाते कांता जी ने रक्तदान कर सभी के लिए एक नज़ीर पेश की। कांताभाई पैरों से दिव्यांग हैं, मगर हौसले से बहुत मजबूत।
इससे पहले भी कांता भाई समाज से जुड़े कार्यों में लगे रहे हैं। लॉक डाउन के पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक भी कांता भाई ने प्रतिदिन जरूरतमंद लोगों को भरपेट भोजन खिलाने के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों की भी इस दौरान सहायता की। मगर आज रक्तदाता दिवस के दिन कान्ता भाई का एक अलग ही चेहरा लोगों के सामने आया। कांता भाई आज सुबह रक्तदान करने के लिए जिला अस्पताल पौड़ी पहुंचे। जहां पर उन्होंने अन्य लोगों के साथ रक्तदान शिविर में भाग लिया।
कांता भाई जैसे लोग समाज के लिए एक प्रेरणा हैं। इनका जीवन आने वाली पीढ़ी के लिए एक मिसाल है। हम कांता भाई के जज़्बे को दिल से सलाम करते है।