पहले चरण में 68% मतदान, 17,829 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतपेटियों में बंद

राज्य के 12 जिलों के 49 विकासखंडों के लिए हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में प्रथम चरण की मतदान प्रक्रिया छिटपुट घटनाओं को छोड़ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई है। पहले चरण में कुल 68 प्रतिशत मतदान हुआ। इनमें 63 प्रतिशत पुरुष और 73 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मत का प्रयोग किया। इसके साथ ही 6049 पदों के लिए 17,829 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतपेटियों में बंद हो गया है। यद्यपि, कुछ बूथों पर ग्रामीणों ने स्थानीय समस्याओं के कारण चुनाव बहिष्कार भी किया।
प्रदेश में हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों में हो रहे पंचायत चुनाव में गुरूवार को पहले चरण का मतदान हुआ। इसमें मतदाताओं ने ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य के कुल 6049 पदों के लिए मतदान किया। सुबह आठ बजे से शुरू हुए मतदान के पहले दो घंटे में काफी धीमा मतदान हुआ। इस दौरान कुल 11.72 प्रतिशत वोट पड़े। इसके बाद मतदान ने गति पकड़ी। दोपहर 12 बजे तक 27 प्रतिशत, दो बजे तक 41.87 प्रतिशत मतदान हुआ। शाम चार बजे तक 55 प्रतिशत मतदान हुआ था। देर रात तक चले मतदान के बाद कुल कुल 26 लाख मतदाताओं में से 68 प्रतिशत ने गांव की सरकार चुनने के लिए अपने मत का प्रयोग किया। मतदान समाप्त होने के बाद पोलिंग पार्टियां वापस जिला मुख्यालयों को लौटने लगीं थीं। देर रात तक इन पार्टियों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। पंचायत चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, रेखा आर्य के अलावा विधायक भरत सिंह चौधरी व आशा नौटियाल ने भी मतदान किया।
प्रदेश में पंचायत चुनाव की राह आसान नहीं रही। पंचायतों का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो गया था। इसके बाद छह माह तक इसमें प्रशासक तैनात रखे गए। प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद संवैधानिक संकट की स्थिति बनी। मामला अदालत तक भी पहुंचा। चुनाव तिथि तय हुई तो पहले मतदाता सूची और फिर प्रत्याशियों के नामांकन रद किए जाने के कारण फिर अदालत को दखल देना पड़ा। अब इसके पहले चरण का मतदान समाप्त हो गया है।
दूसरे चरण का मतदान 28 जुलाई को होगा। इसमें 40 विकासखंडों के 5033 पदों के लिए मतदान होगा।