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उत्तराखंड पंचायत चुनाव में अब ओबीसी आरक्षण का नया निर्धारण, जनसंख्या को माना जाएगा आधार

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों में विभिन्न पदों पर ओबीसी (अदर बैकवर्ड क्लास) आरक्षण का निर्धारण जनसंख्या के मानक के आधार पर होगा। जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर ओबीसी आरक्षण के लिए राज्य में कुल ओबीसी की जनसंख्या यूनिट होगी। ओबीसी आरक्षण को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की शनिवार को हुई बैठक में यह जानकारी दी गई। बताया गया कि जनसंख्या के आधार पर सभी 13 जिला पंचायतों में अनुसूचित जाति व ओबीसी के लिए दो-दो सीटें आरक्षित हो सकती हैं। शेष नौ सीटें सामान्य होंगी। यह भी जानकारी दी गई कि जिला पंचायत अध्यक्ष की तरह जिला पंचायत सदस्य और ब्लाक प्रमुख पदों के लिए जिले की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का निर्धारण किया जाएगा। इसके अलावा क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान पदों पर आरक्षण के लिए ब्लाक की जनसंख्या को आधार माना जाएगा। त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र व जिला) में अनुसूचित जाति के लिए 18 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए चार प्रतिशत आरक्षण निर्धारित है। पूर्व में ओबीसी आरक्षण के लिए 14 प्रतिशत की सीमा तय थी, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। ओबीसी आरक्षण का ही नए सिरे से निर्धारण होना है। यद्यपि, ये साफ किया गया है कि एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं नहीं होगा। इस परिदृश्य में जनसंख्या के मानक के आधार पर कुछ पंचायतों में ओबीसी आरक्षण की सीमा अब 28 प्रतिशत तक जा सकती है, जबकि कुछ में शून्य भी हो सकती है।