January 20, 2025

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

चीन सीमा से सटे गांवों में मनरेगा में 200 दिन रोजगार का प्रस्ताव, राज्य सरकार को दिया गया सुझाव

चीन सीमा से लगे उत्तराखंड के गांव जीवंत रहें, इसके लिए वहां आजीविका विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग ने इस कड़ी में सीमावर्ती गांवों में रहने वाले परिवारों के लिए मनरेगा के तहत प्रतिवर्ष 100 के बजाय 200 दिन के रोजगार का प्रविधान करने पर जोर दिया है। आयोग ने इस संबंध में केंद्र सरकार से आग्रह करने का सुझाव राज्य सरकार को दिया है। इसे लेकर शासन स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। चीन से उत्तराखंड की 375 किलोमीटर की सीमा लगती है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों को प्रथम गांव मानते हुए केंद्र सरकार ने इन्हें विकसित करने को वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया है। चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के तीन जिलों के 136 में से 51 गांव प्रथम चरण में इस कार्यक्रम में शामिल है। इनके विकास को 758 करोड़ की लागत से विभिन्न योजनाओं का खाका खींचा गया है। इस बीच राज्य सरकार ने चीन सीमा से सटे गांवों के विकास के दृष्टिगत पलायन निवारण आयोग से सर्वे कराया। आयोग ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किमी की हवाई परिधि में आने वाले 136 गांवों का सर्वे कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी। अब आयोग की संस्तुतियों के दृष्टिगत शासन ने कदम उठाने प्रारंभ किए हैं।

इसी क्रम में हाल में हुई उच्चस्तरीय बैठक में आयोग की ओर से सीमावर्ती गांवों को लेकर विभिन्न सुझाव रखे गए। आयोग ने साफ किया कि सीमावर्ती गांव पूरी तरह आबाद रहें, इसके लिए वहां आजीविका विकास को विशेष कदम उठाने होंगे।
यह सुझाव भी दिया कि इन गांवों में मनरेगा में 200 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए। चूंकि, यह विषय केंद्र के स्तर का है, लिहाजा राज्य सरकार से इस बारे में केंद्र सरकार से आग्रह करना होगा। उधर, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने बताया कि आयोग ने जो सुझाव दिए हैं, उन पर मंथन चल रहा है।