February 3, 2025

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

प्रदेश के 29 शहरों की बिजली चोरी पड़ रही UPCL पर भारी, चौंकाने वाले हैं आंकड़े

उत्तराखंड के 29 शहरों की बिजली चोरी यूपीसीएल पर भारी पड़ रही है। इस बार यूपीसीएल ने नियामक आयोग में जो पिटीशन फाइल की है, उसमें इन शहरों का लाइन लॉस व एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल (एटी एंड सी) लॉस भी खुलकर स्पष्ट किया है। इनमें मैदानी जिलों हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के कई शहर तो बिजली चोरी में शीर्ष पर हैं। बिजली चोरों पर लगाम लगाने की कोशिशों में यूपीसीएल की टीम के साथ मारपीट आम बात हो चुकी है। बीते एक साल में प्रदेशभर में करीब 15 ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें बिजली चोरी पकड़ने गई टीमों पर हमला हुआ है। इतने जोखिम के बावजूद यूपीसीएल 29 शहरों में बिजली चोरी रोकने में कामयाब नहीं हो पा रहा है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि मैदानी जिलों के कुछ शहर तो ऐसे हैं, जहां बिजली चोरी से होने वाला लाइन लॉस 80 फीसदी से भी ऊपर है। विशेषज्ञों के मुताबिक, लाइन लॉस को अगर तकनीकी लॉस के तौर पर देखें तो यह अधिकतम आठ से नौ फीसदी तक होना चाहिए, लेकिन यहां इससे 10 गुना तक लॉस हो रहा है।

बिजली बिल देने में पीछे
इन शहरों में बिजली बिल वसूली के हालात और भी चिंताजनक नजर आते हैं। केवल बाजपुर, देहरादून, हरिद्वार, जसपुर, काशीपुर, खटीमा, कोटद्वार, मसूरी, पौड़ी, पिथौरागढ़, रानीखेत, ऋषिकेश, टनकपुर और विकासनगर में राजस्व वसूली 100 फीसदी है। बाकी शहरों में आंकड़ा 85 से 95 के बीच है। बिल देने के मामले में भी आंकड़े काफी कमतर हैं। यूपीसीएल ने खटीमा में 47 प्रतिशत, जोशीमठ में 48 प्रतिशत, गदरपुर और गोपेश्वर में 78-78 प्रतिशत बिलिंग एफिशिएंसी बताई है।