साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में भविष्य बना रहे उत्तराखंड के युवा, 741 युवक-युवतियां ले रहे पैराग्लाइडिंग की ट्रेनिंग
पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड अब साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में नए आयाम जोडऩे जा रहा है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप पर्यटन विभाग के माध्यम से 741 युवाओं को टिहरी में पैराग्लाइडिंग का निश्शुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें 124 महिलाएं भी शामिल हैं। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इन युवाओं के लिए न केवल रोजगार, स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे, बल्कि राज्य में साहसिक पर्यटन नई ऊंचाइयां छुएगा।
साहसिक पर्यटन की दृष्टि से पैराग्लाइडिंग का आकर्षण बढ़ा
नैनीताल के भीमताल और देहरादून के मालदेवता समेत राज्य के कुछ अन्य स्थानों में साहसिक पर्यटन की दृष्टि से पैराग्लाइडिंग का आकर्षण बढ़ा है। इस क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग नए स्थल तलाशने के साथ ही युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दे रहा है। इसी क्रम में टिहरी में युवाओं को 15 बैच में बेसिक से लेकर गाइडेड पैराग्लाइडिंग के पांच अलग-अलग कोर्स कराए जा रहे हैं। प्रथम चरण में 741 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण ले रहे युवा खासे उत्साहित हैं। उत्तरकाशी जिले के सौड़ गांव निवासी संगीता रावत भी यह प्रशिक्षण ले रही हैं। एडवेंचर टूरिज्म कंपनी चलाने वाली संगीता अब पैराग्लाइडिंग के जरिये अपने कार्य को नई ऊंचाई देना चाहती है।
कई लोग साहसिक पर्यटन के क्षेत्र से जुड़े
दिल्ली में निजी क्षेत्र में सेवारत नैनीताल जिले के भीमताल निवासी भरत जोशी ने भी पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण कराया है। वह कहते हैं कि उनके क्षेत्र के कई लोग साहसिक पर्यटन के क्षेत्र से जुड़े हैं। प्रशिक्षण लेने के बाद वह भी भीमताल लौट आएंगे। चमोली जिले के कुनौल गांव के रहने वाले दिनेश सिंह मई, जून व सितंबर में दो अलग-अलग कोर्स पूरा कर चुके हैं। फरवरी तक वह प्रशिक्षण पूरा कर लेंगे। फिर वह लाइसेंस लेकर व्यावसायिक उड़ान के लिए तैयार होंगे। दिनेश के साथ उनके गांव के तीन अन्य युवा भी पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन्होंने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया है।