सरिता के जाति प्रमाण पत्र का मामला फिर उछला, तहसीलदार ने भेजा नोटिस

नैनीताल | भाजपा की नैनीताल सीट से प्रत्याशी सरिता आर्य के जाति प्रमाण पत्र से संबंधित मामला फिर बाहर निकल आया है। इस मामले मेें नैनीताल के तहसीलदार नवाजिश ने शिकायतकर्ता के साथ ही सरिता आर्य को भी नोटिस जारी कर दावे के पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
तहसीलदार ने बताया कि शिकायत करने वाले बागजाला निवासी हरीश चंद ने अपने दावों के पक्ष में दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। सोमवार को शिकायतकर्ता ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त जीबी पंत कालेज भवाली से मिली जानकारी दी है |
शिकायतकर्ता ने 1984 में उत्तर प्रदेश शासन की ओर से जारी शासनादेश भी शिकायती पत्र में संलग्न किया है, जिसमें कहा गया है कि यदि अनुसूचित जाति, जनजाति की कोई स्त्री किसी सवर्ण से विवाह करती है तो उसे विवाह उपरांत भी पूर्व से मिल रहा आरक्षण का लाभ मिलता रहेगा, मगर यदि सवर्ण स्त्री किसी अनुसूचित जाति-जनजाति के पुरुष से विवाह करती है तो उस स्त्री को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
शिकायतकर्ता का कहना है कि सरिता के पिता कुलदीप सिंह सिख समुदाय के थे और सामान्य वर्ग के थे। लिहाजा उनका जाति प्रमाण पत्र गलत है, उधर पूर्व विधायक सरिता आर्य का कहना है कि विरोधी अपनी हार देखकर उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। हाई कोर्ट उनके मामले में रुख साफ कर चुका है। वह जल्द इस मामले में अपने पक्ष में दस्तावेज दाखिल करेंगी।