हेलिकॉप्टर में बिपिन रावत के साथ थे देवरिया के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इसी साल मिला था शौर्य चक्र
नई दिल्ली । तमिलनाडु के कुन्नूर में क्रैश हुए हेलिकॉप्टर में देवरिया के रहने वाले वरुण सिंह भी सवार थे। इस हादसे में एकमात्र वहीं जीवित बचे हैं, जबकि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य अफसरों की मौत हो गई। हादसे की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। देवरिया में रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के कन्हौली गांव के रहने वाले वरुण सिंह (40) वायुसेना में ग्रुप कैप्टन हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती तमिलनाडु के वेलिंग्टन में है। वहीं पर उनके साथ में उनकी पत्नी और एक बेटा व बेटी भी रहते हैं। उनके पिता कर्नल केपी सिंह सेना से रिटायर्ड हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश के भोपाल में अपना मकान बनवा रखा है। वह पत्नी उमा सिंह के साथ वहीं पर रहते हैं जबकि वरुण सिंह के भाई तनुज सिंह नेवी में हैं। बुधवार की सुबह वायुसेना का जो एमआई-17 वीएच हेलिकॉटर क्रैश हुआ उसमें सीडीएस जनरल विपिन रावत के साथ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भी सवार थे। वह भी जनरल विपिन रावत के साथ कोयम्बटूर के सुलुर से वेलिंग्टन में डीएससी की ओर जा रहे थे।
हादसे की खबर के बाद परिवार के लोगों को मिली तो यहां भी कोहराम मच गया। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व रुद्रपुर से विधायक रहे वरुण सिंह के चाचा अखिलेश प्रताप सिंह उस समय क्षेत्र में थे। घटना की जानकारी मिलते ही वह समर्थकों के साथ अपने घर कन्हौली चले गए। उन्होंने बताया कि हादसे में वरुण गंभीर रूप से घायल होने की सूचना मिली है। सेना की तरफ से घटना की जानकारी परिवार को दी गई है। हादसे के बाद से वरुण की पत्नी उनके साथ अस्पताल में हैं। परिवार के अन्य लोग भी वहां के लिए रवाना हो रहे हैं। क्रैश के बाद हेलिकॉप्टर में आग लगने की वजह से शव बुरी तरह झुलस गए हैं। ऐसे में शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच कराई जाएगी। नीलगिरि के कलेक्टर एसपी अमृत ने 13 लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि हादसे में बचे एकमात्र यात्री पुरुष हैं। उन्होंने अधिक ब्योरा देने से इनकार करते हुए सिर्फ इतना कहा कि 14 में से 13 की मौत हो चुकी है। एकमात्र पुरुष जीवित हैं।