बागेश्वर में आतिशबाजी के कारण सात घास के ढेर स्वाहा, बालबाल बचे मकान
बागेश्वर| आतिशबाजी पशुपालकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। नगर से सटे द्यांगण गांव में बीती देर शाम एक राकेट से सात घास के ढेर जलकर खाक हो गए। हालांकि घटना स्थल से सटे मकान बालबाल बच गए। फायर सर्विस ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
नगर से लगभग दो किमी दूर द्यांगण गांव में बीती रविवार की देर शाम जगदीश कठायत, मनोहर कठायत और कैलाश कठायत के घास के ढेरों पर आग लग गई। तब लोग ठंड होने के कारण दरवाजा बंद कर घरों में बैठे हुए थे। बाहर धुंआ उठते देखा तो गांव के लोग एकजुट हो गए। घास के ढेरों पर भयंकर आग लग गई। आसपास के लोगों ने आग को बुझाने का लाख प्रयास किया, लेकिन आग फैलने लगी।
बिट्टू कठायत ने बताया कि तत्काल फायर सर्विस को कॉल की गई। फायर सर्विस की टम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक सात घास के ढेर जलकर खाक हो गए। उन्होंने बताया कि तीनों किसानों को लगभग 35 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। जिससे उनके सामने जाड़ों में पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है। महिलाओं ने दो माह की मशक्कत के बाद यह घास काट कटी और बारिश में भी उसे बचाया था। उन्होंने पशु पालकों को दैवीय आपदा मद से मुआवजा देने की मांग की है।
इधर, प्रभारी फायर यूनिट महेश चंद्र ने बताया कि मिनी हाइप्रेसर पंप और मोटर फायर इंजन की सहायता से पंपिंग कर आग पर पानी डाला गया। आसपास के मकानों में भी आग पहुंचने से रोका गया। जिससे बड़ी घटना टल गई।टीम में गणेश चंद्र, चंद्र राम, आनंद सिंह, जितेंद्र पाल, रवि सिंह, सूर्यप्रकाश, राजेंद्र प्रसाद, प्रकाश चंद्र समेत स्थानीय लोग शामिल थे।