देहरादून में हुआ चिपको आंदोलन, पर्यावरण संस्थाओ का विरोध प्रदर्शन
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देहरादून | आज राजधानी देहरादून स्थित सहस्त्रधारा रोड़ पर चमोली 1973 के तर्ज पर चिपको आंदोलन किया गया। जिसमे युवाओ से लेकर बुजुर्गो ने प्रतिभाग किया और सरकार को चेताया अगर विकास के नाम पर पेड़ो को कटा जायेगा तो वह चुप नहीं बैठेगे।
आपको बता दे की देहरादून सिटी को स्मार्ट सिटी बनाने में सरकार जोरो- शोरो से जुटी हुई है उसी के मधे नजर सरकार सड़क का चौडीकरण कर रोड़ को फोर लेन बनाने की सोच रही है।
जिसमे 2200 पेड़ो को कटा जाना है इसी को लेकर पर्यावरण से जुड़े कई एनजीओ और संस्थाए सड़क पर उतर विरोध करने लगे और सरकार से गुहार की है कि पेड़ो न कटा जाए क्योंकि देहरादून की पहचान हरियाली से है, इसे दिल्ली और मेरठ की तरह न बनाया जाए जहां सांस लेने में भी दिक्कत हो जाए।
क्या हैं जंगल के उपकार, मिट्टी , पानी और बयार।
मिट्टी , पानी और बयार, जिन्दा रहने के आधार।