मॉनसून सत्र में कांग्रेस के चक्रव्यूह से कैसे निकलेगी केंद्र सरकार
नई दिल्ली । संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है। सत्र के शुरू होने से पहले मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने संसद के अंदर मोदी सरकार को कोरोना, किसान और बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर घेरने का पुख्ता प्लान तैयार कर लिया है।
बुधवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस रणनीतिक समूह की एक बैठक की अध्यक्षता की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस मीटिंग के बारे में कहा जा रहा है कि इस बैठक में यह तय किया गया कि पार्टी कुल 6 एजेंडों को लेकर संसद के अंदर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना चक्रव्यूह रचेगी।
हालांकि, इस बैठक से पहले यह भी कहा जा रहा था कि इस बैठक में पार्टी लोकसभा में अपने नेता अधीर रंजन चौधरी को बदलने पर भी विचार कर सकती है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मनीष तिवारी, शशि थरूर, गौरव गोगोई और रवनीत बिट्टू में से ही किसी एक नेता को चुने जाने को लेकर भी कई बातें कही जा रही थीं।
इसके अलावा इस बैठक में लोकसभा में नेता के चेहरा बदलने पर कांग्रेस पार्टी ने कोई फैसला लिया या नहीं अभी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में संसद सत्र के दौरान मोदी सरकार को घेरने को लेकर ही चर्चा ज्यादा हुई है।
हम आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि पार्टी ने किन-किन मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने का प्लान तैयार किया है।संसदीय रणनीतिक ग्रुप की इस बैठक में कोविड-19 प्रबंधन, सीमा विवाद, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन, कोरोना की वजह से पैदा हुई बेरोजगारी, राफेल सौदा और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी जैसे बड़े मुद्दों को लेकर संसद के अंदर मोदी सरकार को घेरने पर मंत्रणा की गई है।
सबसे पहले बात कोरोना महामारी की कर लेते हैं। कोरोना महामारी के दौरान मोदी सरकार के प्रबंधन को लेकर कांग्रेस खासकर राहुल गांधी काफी पहले से ही सरकार पर हमलावर रहे हैं।
महामारी के दौरान अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी, जरुरी दवाइयों की किल्लत और लचर चिकित्सिय व्यवस्था से जुड़े तीखे सवाल संसद के अंदर मोदी सरकार से पुछे जा सकते हैं। इसके अलावा वैक्सीन के वितरण को लेकर भी कांग्रेस के शीर्ष नेता समय-समय पर मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोलते रहते हैं।
देश में चल रहे वैक्सीनेशन ड्राइव के दौरान कुछ राज्यों में वैक्सीन की किल्लत को लेकर भी विपक्षी पार्टियों ने अपने सवालों की लिस्ट तैयार कर ली है। कोरोना महामारी के साथ राजस्थान के पोखरण से गिरफ्तार आरोपी हबीबुर रहमान के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट (शासकीय गोपनीयता अधिनियम) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का कहना है कि वह पाकिस्तान की आईएसआई के लिए काम करता था और पाकिस्तान भी जा चुका है। क्राइम ब्रांच ने कहा कि आरोपी रहमान के पास से सेना के गोपनीय दस्तावेज और सेना के एरिया का नक्शा जब्त किया गया है। आरोपी ने बताया कि उसे ये दस्तावेज आगरा में तैनात सेना के एक जवान परमजीत कौर ने दिए थे।
रहमान को इन दस्तावेजों को कमल नाम के शख्स को सौंपने थे।साथ किसानों का मुद्दा भी पिछले काफी दिनों से गर्म है। तीन कृषि बिलों को सरकार वापस नहीं लेने की मांग पर अड़ी है तो किसान भी इस बिल को वापस नहीं लेने तक आंदोलन पर डटे रहने की बात कह चुके हैं। इस गरमा-गरम मुद्दे को भी कांग्रेस संसद के अंदर मोदी सरकार के मंत्रियों को घेरने के लिए उठाएगी।
किसान पहले ही सभी विपक्षी पार्टियों से यह कह चुके हैं कि वो मॉनसून सत्र के दौरान उन्हें खत लिख कर इस मुद्दे को संसद में उठाने की अपील करेंगे। बॉर्डर पर अब तक कई प्रदर्शनकारियों की जान भी जा चुकी है। जाहिर है कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में पूरी ताकत से उठाती नजर आएगी।
इसके अलावा राफेल सौदा भी एक ऐसा मुद्दा है जिसपर कांग्रेस केंद्र सरकार से आक्रामक मूड में सवाल पूछ सकती है। दरअसल भारत के साथ 5900 करोड़ रुपए के राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार और लाभ पहुंचाने के मामले में हाल ही में फ्रांस के एक न्यायाधीश को बहुत संवेदशील न्यायिक जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बाद से कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है और राफेल सौदे में गड़बड़ी का आरोप लगा रही है।