कुंभ के दौरान कोरोना टेस्ट में फर्जीवाड़े का आरोप, जांच के लिए डीएम ने बनाई समिति
हरिद्वार। हरिद्वार में संपन्न हुए कुंभ 2021 में श्रद्धालुओं और यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों की कोरोना जांच में बड़े फर्जीवाड़े के आरोप लगे हैं। मामले के तूल पड़ने के बाद हरिद्वार के जिलाधिकारी (डीएम) सी रविशंकर ने आरोप की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। डीएम ने समिति से 15 दिन में मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। डीएम ने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी या कर्मचारी क्यों न हो। लैब पर लगे आरोप सही पाए गए तो अन्य सभी लैब की ओर से दिए गए आंकड़ों की भी जांच कराई जाएगी।
आरोप है कि कुंभ मेले के दौरान आने वाले तीर्थ यात्रियों और साधु-संतों का बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्ट किया गया था लेकिन इसके नाम पर निजी लैब की ओर से फर्जीवाड़ा किया गया। मामले ने तूल पकड़ा तो उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव ने हरिद्वार के डीएम को जांच कराने के निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि कुंभ मेला 2021 का आयोजन एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक हुआ था। कोरोना संक्रमण के चलते ही कुंभ मेले का समय चार महीने से घटाकर एक माह कर दिया गया था। कुंभ में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जिले के स्वास्थ्य विभाग की ओर से 13 और मेला स्वास्थ्य विभाग की ओर से नौ लैब अधिकृत किए गए थे। पूरे जिले में बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्ट कराया गया। एक दिन में 40 हजार तक टेस्ट हुए। उस समय डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश जारी किए थे कि टेस्ट कराने वाले का नाम-पता और फोन नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए। गौरतलब है कि हरियाणा बेस्ड एक लैब पर कोरोना टेस्ट में फर्जीवाड़े के आरोप लगे हैं। उत्तराखंड सरकार ने इतनी अधिक संख्या में आने वाले लोगों की जान की सुरक्षा और कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए ही कोरोना टेस्ट का दायरा बढ़ाया था ताकि कोई भी संक्रमित मेला क्षेत्र में प्रवेश न करे। अगर कोई संक्रमित मेला क्षेत्र में आ भी जाए तो उसे तत्काल ट्रैस किया जा सके लेकिन आरोप है कि एक लैब ने टेस्टिंग को सिर्फ कागजों तक ही सीमित रखा और इससे कुंभ में आने वाले श्रद्धालु बड़ी तादाद में कोरोना संक्रमित हुए।