February 4, 2025

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‘जीएसटी के दायरे में आने पर 47 रुपए प्रति लीटर होगा पेट्रोल का दाम’

पेट्रोल और डीजल राजस्व के प्रमुख स्रोत हैं, जिसकी वजह से सरकारें इसे जीएसटी के दायरे में लाने से हिचक रही हैं।
वित्त मंत्री

वित्त मंत्रीनई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के सामने गुगली फेंकते हुए कहा कि वह पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर चर्चा करने को तैयार हैं। वित्त मंत्री ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि अगर जीएसटी परिषद की अगली बैठक के एजेंडे में पेट्रोल एवं डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में शामिल करने की बात लाई जाती है, तो वह उस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। जीएसटी काउन्सिल में इस पर चर्चा के बाद अगर आम राय बनती है, तो पेट्रोल एक झटके में घटकर 47 रुपए लीटर तक हो सकता है।

लेकिन इस पर सहमति बनना आसान नहीं है। जानकारों का कहना है कि अगर पेट्रोल-डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने पर सहमति बनती भी है तो इसे 28 फीसदी के ऊंचे टैक्स दायरे में रखा जाएगा, क्यों‍कि यह केंद्र और राज्यों के लिए राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है। अगर इस रेट पर भी सहमति बनी तो फिर पेट्रोल का भाव घटकर 47 रुपये के आसपास और डीजल 48 रुपये के आसपास हो सकता है।

हाल में जारी एसबीआई की ईकोरैप रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए तो इससे केंद्र और राज्य सरकारों की कमाई में सिर्फ 1 लाख करोड़ रुपए की गिरावट आएगी, जो कि जीडीपी का सिर्फ 0.4 फीसदी है।

असल में पेट्रोल और डीजल केंद्र और राज्यों के लिए राजस्व के प्रमुख स्रोत हैं, जिसकी वजह से सरकारें इसे जीएसटी के दायरे में लाने से हिचक रही हैं। जीएसटी के दायरे में पेट्रोल-डीजल को लाने से कुछ राज्यों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। राजस्व का सबसे अधिक नुकसान महाराष्ट्र को हो सकता है।

एसबीआई ईकोरैप के मुताबिक महाराष्ट्र को 10,424 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। जबकि राजस्थान को 6388 करोड़ और मध्य प्रदेश के रेवेन्यू में 5489 करोड़ रुपए की कमी आ सकती है।

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इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर दिए गए 16 मार्च तक के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में जब पेट्रोल की कीमत 91.17 रुपये लीटर थी तो इसमें बेस कीमत 33.26 रुपये प्रति लीटर है। इसके बाद इस पर 28 पैसे का भाड़ा जोड़कर 33.54 रुपये में डीलर को मिलता है। फिर इस पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 32.90 रुपए प्रति लीटर की लगती है।

इसके बाद इस पर 3.69 रुपए डीलर का कमीशन होता है। इसके बाद राज्य सरकार वैट लगता है। दिल्ली के मामले में यह 21.04 रुपए प्रति लीटर है। यानी एक लीटर पेट्रोल पर केंद्र और राज्य का टैक्स कुल करीब 54 रुपये है। अगर जीएसटी के दायरे में पेट्रोल आता है तो इस पर टैक्स सिर्फ करीब 10.42 रुपए ही लगेगा। यहां हम टैक्स डीलर के कमीशन के बाद जोड़ते हैं तो पेट्रोल की कीमत 47.65 रुपए हो जाएगी। इस तरह एक झटके में पेट्रोल की कीमत करीब आधी हो जाएगी।

इसी तरह डीजल की बात करें तो 16 मार्च के आंकड़े के अनुसार 81.47 रुपए लीटर की उसकी कीमत में बेस कीमत 35.22 रुपए थी। इस पर 31.8 रुपए की सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, 2.51 रुपए का डीलर कमीशन और 11.94 रुपये का वैट जुड़ता है। इस तरह से डीजल पर कुल टैक्स करीब 44 रुपये का था। अगर यह 28 फीसदी के जीएसटी के दायरे में आया तो इस पर टैक्स सिर्फ 10.56 रुपए का होगा। इस तरह डीलर का कमीशन आदि जोड़ने के बाद डीजल सिर्फ 48.29 रुपए लीटर में बिकेगा।

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